भोपाल : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) से पहले मध्य प्रदेश सरकार आठ और नीतियां लाने की तैयारी में है। इनमें एमएसएमई, स्टार्टअप, भूमि आवंटन नीतियों में संशोधन करना प्रस्तावित है, वहीं जैव ईंधन नीति को नवकरणीय ऊर्जा नीति में समाहित किया जा रहा है।एकीकृत टाउनशिप, स्वास्थ्य निवेश, ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) और उड्डयन संबंधी नीतियां पहली बार लाई जा रही हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक इन नीतियों को स्वीकृति मिलने की संभावना है।
ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने पर मिलेगा अनुदान
- अन्नदाता और गरीब कल्याण मिशन के बारे में कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। इन्हें भी हरी झंडी दी जा सकती है। युवा और नारी सशक्तीकरण मिशन को पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है।
- नई ईवी पॉलिसी के तहत अब ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने पर अनुदान दिया जाएगा। मंत्रिमंडल की बैठक में कौशल विकास और पौधारोपण नीति फिलहाल नहीं लाई जाएगी।
पीपीपी मोड पर बनाए जाएंगे जिला अस्पताल
स्वास्थ्य निवेश नीति के तहत पीपीपी मोड पर जिला अस्पताल विकसित किए जाएंगे। बड़े अस्पताल, शोध और विकास में निवेश पर शासकीय सहायता मिलेगी। इसके लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के निजी निवेशकों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
इनमें 75 प्रतिशत बिस्तरों का निवेशक स्वयं उपयोग कर सकेगा, वहीं 25 प्रतिशत बिस्तर मुफ्त में निर्धन वर्ग के उपचार के लिए आरक्षित रखे जाएंगे। इसके अलावा इस नीति में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी कई प्रावधान किए गए हैं।
दो सौ किमी पर एक मिनी एयरपोर्ट बनाया जाएगा
उड्डयन नीति में पीपीपी मोड पर मिनी एयरपोर्ट बनाने का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक दो सौ किलोमीटर पर एक मिनी एयरपोर्ट पीपीपी मोड पर बनाए जाएंगे। प्रत्येक विकासखंड में एक हेलीपैड, 100 किमी पर एक हवाई पट्टी बनाई जाएगी। उड़ान योजना के तहत 20 सीटर विमान सेवा उपलब्ध कराई जाएगी।
एमएसएमई में दो गुना ऋण गारंटी
भारत सरकार ने बजट में कुछ प्रावधान किए हैं। उसके तहत मप्र की एमएसएमई की परिभाषा बदली जा रही है। एमएसएमई नीति के तहत दो गुना ऋण गारंटी दी जाएगी। इसके अलावा एमएसएमई, स्टार्टअप और भूमि आवंटन नीति में निर्यात को बढ़ावा देने के प्रावधान किए गए हैं।
लाजिस्टिक्स बढ़ाने, निर्यात बढ़ाने में मदद करने प्रावधान किए गए हैं। हरित औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए निर्यात को प्रोत्साहित करने, बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करने और प्रमाणीकरण में वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाएगा। निजी क्षेत्र में क्लस्टर को बढ़ावा देने के भी प्रावधान किए गए हैं।
एकीकृत टाउनशिप नीति में शहरों का होगा विकास
मध्य प्रदेश में शहरों के आसपास किसान, किसानों के समूह या निजी व्यक्ति लैंड पूलिंग करके टाउनशिप बना सकेंगे। ग्रीन बेल्ट जैसे प्रविधानों से छूट मिलेगी। कुल क्षेत्र के 15 प्रतिशत क्षेत्र में ईडब्ल्यूएस, एलआइजी आवास बनाने होंगे। इसके लिए भूमि दिलाने के लिए विकासकर्ता (डेवलपर) विकास प्राधिकरण या अन्य एजेंसियों से अनुरोध कर सकेंगे। वह आपसी सहमति के आधार पर भूमि दिलाने में भूमिका निभाएगी।
यदि परियोजना क्षेत्र में सरकारी भूमि आती है तो अधिकतम आठ हेक्टेयर सीमा की छूट दी जा सकेगी। इसमें लैंड पूलिंग का प्रविधान रखा गया है। नियम सरल बनाए गए हैं। यह प्रावधान विकास प्राधिकरण सहित अन्य हाउसिंग प्रोजेक्ट करने वाली एजेंसियों के लिए भी लागू होंगे।