राष्ट्रपति भवन में कतर के अमीर का स्वागत:गार्ड ऑफ ऑनर मिला, हैदराबास हाउस में PM मोदी से द्विपक्षीय बातचीत की

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कतर के अमीर तमीम बिन हमाद अल-थानी का मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और PM मोदी ने स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कतर अमीर ने सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों से भी मुलाकात की।

अमीर अल-थानी और PM मोदी के बीच हैदराबाद हाउस में बैठक हुई। इसके बाद वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ भी बैठक करेंगे। राष्ट्रपति भवन में कतर के अमीर के सम्मान में भोज का भी आयोजन किया जाएगा।

अमीर अल-थानी कल रात यानी 17 फरवरी को भारत पहुंचे थे। खुद PM मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर उन्हें रिसीव करने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे थे। इस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। कतर के अमीर 17 फरवरी को दो दिन की भारत यात्रा पर पहुंचे हैं।

भारत और कतर में 2 MOU साइन हुए

यह अमीर की कतर की दूसरी भारत यात्रा है। इससे पहले वे मार्च 2015 में भारत आए थे। कतर अमीर अल-थानी की इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।

साल 2024 के अंत में विदेश मंत्री एस जयशंकर कतर पहुंचे थे। यहां उन्होंने कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी से मुलाकात की थी। यह एक साल में उनकी चौथी कतर यात्रा थी।

भारत और कतर के बीच सोमवार को दिल्ली में 2 MOU (समझौता ज्ञापन) पर साइन हुए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी मौजदू रहे हैं। दोनों ने भारत-कतर के बीच ज्वाइंट ट्रेड फोरम की शुरुआत की।

पीयूष गोयल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं।

भारत के लिए कतर क्यों खास?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक अमेरिका में ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद यूरोप से लेकर मिडिल ईस्ट तक में अनिश्चितता का माहौल है। ट्रम्प कब, कौन फैसले करेंगे इसका किसी को अंदाजा नहीं है। ट्रम्प अपने पिछले कार्यकाल में ईरान के मामले में काफी सख्त थे। इस बार भी वे ईरान पर नए प्रतिबंध लगा सकते हैं।

ऐसे में अपनी ऊर्जा जरूरत को पूरा करने के लिए भारत, कतर को एक सुरक्षित विकल्प के तौर पर देख रहा है। कतर भारत का सबसे बड़ा LNG सप्लायर है। भारत की जरूरत का 50% LNG कतर से ही आता है। इसके अलावा कतर, भारत की जरूरत का 30% LPG उपलब्ध कराता है।

भारत का कतर के साथ 10.64 अरब डॉलर का व्यापार घाटा

ऑब्जरवेट्री ऑफ इकोनॉमिक कॉम्पलेक्सिटी (OEC) के मुताबिक भारत और कतर के बीच साल 2023-24 में 14.04 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। हालांकि, कतर और भारत के व्यापार में भारत का व्यापार घाटा बहुत ज्यादा है। कतर, भारत से 1.70 अरब डॉलर का सामान खरीदता है।

वहीं, भारत, कतर से 12.34 डॉलर मूल्य का सामान खरीदता है। ऐसे में भारत का कतर के साथ 10.64 अरब डॉलर का व्यापार घाटा है। भारत, कतर से सबसे ज्यादा पेट्रोलियम गैस (9.71 अरब डॉलर) खरीदता है तो वहीं कतर, भारत से सबसे ज्यादा चावल (1.33 हजार करोड़ रुपए) खरीदता है।

कतर में 15 हजार भारतीय कंपनियां

कतर चैंबर ऑफ कॉमर्स के मुताबिक कतर में 15 हजार के करीब भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं। इनमें लार्सन एंड टुब्रो, टीसीएस और महिंद्रा जैसे बड़ी कंपनियां शामिल हैं। कतर में लगभग 8 लाख 35 हजार भारतीय नागरिक हैं, जो मेडिकल, इंजीनियरिंग, एजुकेशन, फाइनेंस और लेबर जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं।

साल 2022 में भारत-कतर बीच तनाव पैदा हो गया था। दरअसल, ‌BJP की प्रवक्ता रहीं नुपूर शर्मा ने एक टीवी शो में पैगंबर मोहम्महद के बारे में विवादित टिप्पणी की थी। तब कतर ने ही सबसे पहले प्रतिक्रिया दी थी। कतर ने भारत सरकार से इसकी शिकायत की थी और सार्वजनिक माफी मांगने को कहा था।