मध्य प्रदेश में पुलिस कर्मी और उनके परिजनों को बेहतर इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। भोपाल में प्रदेश का पहला राज्य स्तरीय पुलिस अस्पताल बनकर तैयार हो गया है। अस्पताल का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 23 नवंबर को उद्घाटन कर सकते हैं। भदभदा चौराहे पर स्थित यह अस्पताल 50 बेड का है, जो 12 करोड़ की लागत बना है। बताया जा रहा है कि फिलहाल ओपीडी के साथ अस्पताल की शुरुआत की जाएगी। अभी तक पुलिस बटालियन में पुलिस डिस्पेंसरी हुआ करती थीं। यह प्रदेश का पहला पुलिस डैडिकेटेड अस्पताल है। यहां पीडियाट्रिक, गायनिक, डेंटल, आई जैसे विभाग होंगे।
मरीजों के लिए 2 मेल और एक फीमेल वार्ड
50 बेड के इस अस्पताल में 2 मेल (5-5 बेड) व 1 फीमेल वॉर्ड (5 बेड) का बनाया है। इसके अलावा बच्चा वार्ड में भी पांच बेड रखे गए हैं। वहीं, अन्य बेड महिला वार्ड, ओटी, हाई डिपेंडेंसी यूनिट और रिकवरी रूम में लगाए गए हैं। अस्पताल अधिकारियों की माने तो पुलिस और उनके परिवार के अलावा आम लोग यहां इलाज करवा सकेंगे या नहीं, यह जल्द ही फाइनल होगा।
अस्पताल का संचालन 25वीं बटालियन करेगी। 2022 से पहले यहां एसटीएफ का कार्यालय हुआ करता था, जिसके बाद इसे अस्पताल बताया गया। इसका निर्माण पुलिस हाउसिंग द्वारा किया गया है।
पहले चरण की शुरुआत ओपीडी के साथ
स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर यहां पर डॉक्टर्स एवं अन्य स्टाफ को लाया गया है। पहले चरण की बात की जाए तो ओपीडी, फार्मा, पैथालॉजी और एक्स-रे जैसी सुविधाएं दी जाएगी। इसके बाद दूसरे चरण में सोनोग्राफी ओर लेबर क्लिनिक के अलावा अन्य सुविधाएं शुरू की जाएगी। अस्पताल के लिए कुल 12 पद सेंशन हुए हैं, जिसमें से दो डॉक्टर मेडिकल ऑफिसर एसके गुप्ता और डेंटल सर्जन डॉक्टर सुरैश माहौर शामिल हैं। अस्पताल की अधीक्षक डॉ. रूही चंद्रा रहेंगी।
12.51 करोड़ की लागत से तैयार हुआ अस्पताल
यह अस्पताल कुल 12.51 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है। इसमें भवन निर्माण और फर्नीचर की लागत 10.41 करोड़ रही, वहीं मेडिकल उपकरण 2.1 करोड़ के खरीदे गए हैं। इस तरह से अस्पताल की कुल लागत 12.51 करोड़ है।