सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (14 अगस्त) को शराब नीति केस से जुड़े CBI केस में केजरीवाल की 2 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। पहली याचिका- सीबीआई मामले में अंतरिम जमानत को लेकर थी। कोर्ट ने जमानत देने पर इनकार कर दिया।
दूसरी याचिका- CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ थी। जिस पर कोर्ट ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी करके 23 अगस्त तक जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 5 अगस्त को अरविंद केजरीवाल की CBI की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही जमानत याचिका के लिए निचली अदालत जाने को कहा था।
शराब नीति केस में केजरीवाल के खिलाफ ED और CBI का केस चल रहा है। ED मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है। वहीं CBI केस में वह जेल में बंद हैं। CBI ने 26 जून को शराब नीति केस में भ्रष्टाचार के आरोपों पर केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।
केजरीवाल के वकील की दलील: मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में बेल मिल चुकी तो CBI केस में क्यों नहीं
केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा- दिल्ली के मुख्यमंत्री को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 45 के सख्त प्रावधानों के बावजूद तीन बार जमानत मिल चुकी है। उन्होंने 10 मई और 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत आदेशों और 20 जून को PMLA मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए नियमित जमानत का भी हवाला दिया। सिंघवी ने कहा- ऐसे में केजरीवाल को जमानत देनी चाहिए।
केजरीवाल को 12 जुलाई को ED केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी
सुप्रीम कोर्ट ने ED के मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई को जमानत दे दी थी। जमानत देते हुए जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वह चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं।
जस्टिस खन्ना ने कहा था कि हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है। इसके लिए हमने ऐसे 3 सवाल भी तैयार किए हैं। बड़ी बेंच अगर चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर बदलाव कर सकती है।
ED ने 208 पेज की सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट सबमिट की
ED ने 9 जून को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में सातवीं सप्लिमेंट्री चार्जशीट जमा की थी। 208 पेज की इस चार्जशीट में दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल को केस का सरगना और साजिशकर्ता बताया गया। चार्जशीट में कहा गया कि स्कैम से मिला पैसा आम आदमी पार्टी पर खर्च हुआ है। यह भी दावा किया गया कि केजरीवाल ने शराब बेचने के कॉन्ट्रेक्ट के लिए साउथ ग्रुप के सदस्यों से 100 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसमें से 45 करोड़ रुपए गोवा चुनाव पर खर्च किए गए थे।