मप्र में जारी रहेगा झमाझम का दौर, सीहोर, रायसेन, मंडला समेत 35 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

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भोपाल। झारखंड के ऊपर एक अबदाव का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून द्रोणिका राजस्थान, एमपी से होकर गुजर रही है। सौराष्ट्र और उससे लगे अरब सागर पर चक्रवाती परिसंचरण मौजूद है। उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात है। इसके साथ ही दक्षिणी गुजरात से लेकर केरल तक अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। अलग-अलग स्थानों पर बनी इन पांच मौसम प्रणालियों के असर प्रदेश में पर्याप्त नमी आ रही है। इससे प्रदेश के तकरीबन तमाम भागों में बारिश का सिलसिला भी बरकरार है।

यहां जमकर बरसेंगे बदरा

मौसम विभाग ने शनिवार को सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम, भोपाल, जबलपुर समेत 35 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले चौबीस घंटों के दौरान सीहोर, रायसेन, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडौरी, अनूपपुर, श्योपुर और शिवपुरी जैसे 12 जिलों में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है। इन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं भोपाल, शाजापुर, राजगढ़, गुना, अशोकनगर, विदिशा, खंडवा, हरदा, बैतूल, पांढुर्णा, रतलाम, सागर, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, पन्ना, जबलपुर, कटनी, उमरिया, शहडोल, मैहर और सीधी समेत 23 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा सतना, रीवा, मऊगंज, सिंगरौली, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, नीमच, मंदसौर, आगर-मालवा, उज्जैन, देवास, इंदौर, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, आलीराजपुर, झाबुआ, नीमच और मंदसौर में भी तेज बारिश की संभावना है।

कहां, कितनी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक रायसेन में 88.4, पचमढ़ी में 54.4, भोपाल में 53.4, मलाजखंड में 47.8, रीवा में 33.4, सागर में 25.4, सतना में 23.7, सीधी में 22.6, नर्मदापुरम में 21.2 और उज्जैन व रतलाम में 20-20 मिमी बारिश दर्ज की गई।

ये वेदर सिस्टम सक्रिय

मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तरी झारखंड और उसके आसपास के इलाकों में बना अबदाव का क्षेत्र बना हुआ है। अगले 48 घंटों के दौरान इसके उत्तर-पश्चिम झारखंड, दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और उससे सटे उत्तरी छत्तीसगढ़ से होते हुए पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। मानसून की द्रोणिका बीकानेर, जयपुर, सतना, उत्तरी झारखंड और उसके आसपास के इलाकों में दबाव के केंद्र, बांकुरा, कैनिंग से होकर दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पूर्व की ओर गुजर रही है। पूर्व-पश्चिम द्रोणिका अब उत्तरी राजस्थान से उत्तरी मध्य प्रदेश होते हुए दक्षिणी असम तक जाती है, उत्तरी झारखंड, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल पर चक्रवाती परिसंचरण मौजूद है। नागालैंड और आस-पास के इलाकों में औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। वहीं दक्षिण गुजरात से केरल तट तक अपतटीय द्रोणिका भी बनी हुई है।