पूजा खेडकर के बाद पूर्व IAS अभिषेक सिंह विवाद में:जिम-डांस का वीडियो सामने आया तो विकलांग कोटे से सिलेक्शन पर सवाल

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ट्रेनी IAS अफसर पूजा खेडकर के बाद एक और अफसर अभिषेक सिंह विवादों में हैं। अभिषेक पर फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर विकलांग कोटे से UPSC में सिलेक्शन के आरोप लग रहे हैं। अभिषेक 2011 बैच के IAS अफसर हैं, हालांकि उन्होंने अक्टूबर 2023 में इस्तीफा दे दिया।

दरअसल, अभिषेक सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा विकलांग कैटेगरी से पास की थी। उन्होंने लोकोमोटिव डिसऑर्डर यानी खुद को चलने-फिरने में अक्षम बताया था। अभिषेक ने अपने एक्टिंग करियर के लिए IAS से इस्तीफा दे दिया था।

अभिषेक के जिम वर्कआउट और डांस करने के वीडियोज वायरल हो रहे हैं। इसके बाद से विकलांग कैटेगरी के तहत उनके सिलेक्शन पर सवाल उठने लगे हैं। इसका जवाब देते हुए अभिषेक ने कहा कि लोग मेरे खिलाफ प्रोपेगेंडा चला रहे हैं। इसे बंद करना चाहिए।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तमाम यूजर्स PwBD-3 (पर्सन विद बेंचमार्क डिसेबिलिटी) कैटेगरी के मानदंडों का हवाला देते हुए उनकी पात्रता पर सवाल उठाया है, जिसमें सेरेब्रल पाल्सी, कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) से ठीक हुए लोग, बौनापन, एसिड अटैक पीड़ित, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और चलने-फिरने में दिक्कत करने वाली अन्य कंडीशन शामिल हैं।

एक यूजर ने लिखा, UPSC के डाउनफॉल (पतन) की शुरुआत हो गई है। पूजा खेडकर के बाद अब अभिषेक शर्मा इसका उदाहरण हैं। डांस करने वाले अभिषेक ने लोकोमोटर डिसेबिलिटी (PwBD-3) कैटेगरी के तहत UPSC पास की।

रोशन राय नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘विकलांगता कोटे से IAS बनने के बाद जिम में वजन उठा रहे हो? थोड़ा ज्ञान साझा कर दो, डॉक्टर भी अध्ययन करके दूसरे मरीजों की मदद कर देंगे।’ इसके साथ ही कुछ यूजर्स अभिषेक के सलेक्शन के पीछे उनके पिता का हाथ बता रहे हैं।

‘पूरे खानदान में मैं इकलौता IAS में चयनित हुआ’
इन तमाम आरोपों का जवाब देते हुए अभिषेक सिंह ने X पर लिखा, वैसे तो मुझे किसी आलोचना से कोई फर्क नहीं पड़ता। ये मेरे जीवन काल में पहली बार है जब मैं अपने आलोचकों को जवाब दे रहा हूं। आपने ये कहा कि मेरे पिताजी IPS अधिकारी थे इसलिए मुझे फायदा मिला। आपको बता दूं कि मेरे पिताजी एक बहुत गरीब परिवेश से निकलकर PPS अधिकारी बने, IPS में प्रमोट हुए थे। अपने पूरे खानदान में मैं इकलौता IAS में चयनित हुआ।

अभिषेक बोले- ये फर्जी प्रोपेगेंडा बंद करें
अभिषेक ने लिखा, आपको ये भी बता दूं कि UPSC में कोई डोमिसाइल सर्टिफिकेट नहीं लगता। जिसने भी UPSC दिया है उसको पता होगा। तो ये फर्जी प्रोपेगेंडा बंद करें। जिसको जो भी पूछना है मैं जवाब देने के लिए तैयार हूं। मुझे जो ठीक लगता है मैं करता हूं, और आगे भी करता रहूंगा। कला और समाज सेवा मेरी रुचि है और मैं इसमें लगातार प्रयासरत हूं।

पहले तो आपने मेरी कास्ट पर ही सवाल उठाया और कहा कि मैं झूठा सिंह हूं, फिर आपने कहा कि मैं अपनी नौकरी वापस मांग रहा हूं, और अब कह रहे हैं कि मैंने नौकरी आरक्षण से ली है।

‘जो कुछ भी हासिल किया अपने दम पर किया’
अभिषेक ने कहा, भविष्य में मुझ पर आरोप लगाने से पहले दो बार सोच लेना, मैं कोई छुई मुई नहीं हूं जो डर के बैठ जाऊंगा। अपनी प्रतिभा, अपने आत्मविश्वास और अपने साहस के दम पर चलता हूं, किसी के बाप के दम पर नहीं। मैंने अपने जीवन में जो कुछ हासिल किया है अपने दम पर हासिल किया है, किसी आरक्षण के दम पर नहीं।

उधर दूसरी तरफ ट्रेनी IAS पूजा खेडकर मामले में डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (DOPT) के अतिरिक्त सचिव मनोज द्विवेदी के नेतृत्व एक पैनल बनाया गया है जो उनके डॉक्यूमेंट की जांच करेगा।