देसी दुल्हन-विदेशी दूल्हे की ईको फ्रेंडली शादी, न घोड़ागाड़ी- न पटाखे

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सूरत में रहने वाली जील देसाई और मेक्सिको में रहने वाले घीयरमो केबरेरा की शादी चर्चा का विषय बन गई है. ये दोनों एक दूसरे के साथ विवाह के बंधन में बंधेंगे लेकिन किसी तामझाम से नहीं बल्कि बड़ी सादगी से.
शादी को लेकर हर कोई बड़े उत्साह में रहता है और शादी में हर कोई अपनी हर तमन्ना को पूरा कर लेने की ख्वाहिश भी रखता है. यही नहीं, ख्वाहिशें पूरी करने के लिए लाखों-करोड़ों खर्च भी करता है, इस बीच सूरत में रहने वाली जील देसाई और मेक्सिको में रहने वाले घीयरमो केबरेरा की शादी चर्चा का विषय बन गई है.
ये दोनों एक दूसरे के साथ विवाह के बंधन में बंधेंगे लेकिन किसी तामझाम से नहीं बल्कि बड़ी सादगी से. इनकी शादी को लेकर तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं, शादी समारोह में शामिल होने के लिए सूरत में विदेशी मेहमान भी पहुंच चुके हैं.

होने वाली दुल्हन के हाथों में मेहंदी भी सजने लगी है यानी कि शादी को लेकर लगभग सभी तैयारियां हो चुकी हैं मगर इस जोड़े की शादी में बाकी शादियों की तरह ना आतिशबाजी होगी, ना घोड़ा-गाड़ी पर दूल्हा-दुल्हन सवार होंगे और ना ही मंडप डेकोरेशन में प्लास्टिक का इस्तेमाल होगा.

यहां तक कि विवाह के बंधन में बंधने वाले इस जोड़े ने शादी के कार्ड भी नहीं छपवाए हैं. सभी को सोशल मीडिया के माध्यम से ही न्योता भेजा है और इस तरह पर्यावरण को बचाने का संदेश देते हुए बड़ी ही सादगी से सूरत की रहने वाली जील देसाई और मेक्सिको निवासी घीयरमो केबरेरा शादी करने जा रहे हैं.

जील देसाई ने कहा, 'आज जो हाल पर्यावरण का हुआ है, उसमें हमारी ये कोशिश है कि हम थोड़ी ही सही लेकिन प्रदूषण को कम करें, इसीलिए हमने शादी पूरी तरह इको फ्रेंडली तरीके से करने का फैसला किया है. हमने शादी के लिए कार्ड भी नहीं छपवाए हैं. हम सब को सोशल मीडिया से न्योता दे रहे हैं.'

मेक्सिको निवासी घीयरमो केबरेरा के साथ सूरत की जील देसाई की मुलाकात साल 2010 में अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में हुई थी. इसके बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ी. देखते ही देखते दोस्ती से शुरू हुए संबंध अब शादी में तब्दील होने जा रहे हैं.

दोनों ही परिवार आर्थिक रूप से काफी मज़बूत हैं. बावजूद इसके देश और दुनियां को पर्यावरण बचाने का संदेश देने के लिए सादगी से शादी करने जा रहे हैं. दूल्हे घीयमो केबरेरा का कहना है कि आज पूरी दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से परेशान है. ऐसे में अगर हम पर्यावरण को बचाने के लिए इतना कर सकते हैं और उसे ही करने की कोशिश की है.