सरकार ने दी 22800 करोड़ के नए रक्षा सौदों को मंजूरी, नौसेना को मिलेंगे 6 नए टोही विमान

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नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को 22800 करोड़ के रक्षा सौदों को मंज़ूरी दे दी है. इनमें नौसेना के लिए एंटी सबमरीन और टोही एयरक्राफ्ट P8I के अलावा कोस्ट गार्ड के लिए दो इंजन वाले भारी हेलीकॉप्टर और असाल्ट राइफलों के लिए स्वदेशी नाइट विज़न डिवाइस को भी हरी झंडी मिल गई है. नौसेना ने अमेरिका से कुल 12 P8I एयरक्राफ्ट का सौदा किया था, जिसमें से 8 नौसेना को मिल चुके हैं और बाकी 4 का सौंपा जाना बाकी है.

सरकार ने 6 नए P8 I एयरक्राफ्ट की ख़रीद को मंज़ूरी दी है.  हालांकि नौसेना ने 10 नए एयरक्राफ्ट की मांग की थी. ये एयरक्राफ्ट समुद्र में लंबी दूरी तक निगरानी कर सकता है और गश्त लगा सकता है. इसके शक्तिशाली रडार समुद्र किसी छोटी सी नाव को भी तलाश सकते हैं और उसकी तस्वीरें ले सकते हैं. इन एयरक्राफ्ट से सबमरीन या जंगी जहाज़ों पर हमला किया जा सकता है. 

भारत तीन ओर से समुद्र से घिरा हुआ है और अपने ज्यादातर व्यापार के लिए भी समुद्र पर ही निर्भर है. ऐसे में ताक़तवर नौसेना की सख्त ज़रूरत है. इसके अलावा समुद्र तटों की निगरानी के लिए कोस्ट गार्ड को दो इंजन वाले भारी हेलीकॉप्टर भी मुहैया कराए जाएंगे. मुंबई हमले के बाद समुद्र तटों की सुरक्षा के लिए नए उपकरणों की ख़रीद को बढ़ाया गया है. भारतीय सुरक्षा बलों को रात में कार्रवाई करने के लिए बेहतर बनाने के लिए स्वदेशी थर्मल इमेंजिंग नाइट साइट्स बनाई जाएंगी. इन साइट्स को भारतीय इंडस्ट्री बनाएगी और इन्हें सीमा पर तैनात सैनिकों की ज़रूरत के मुताबिक बनाया जाएगा. इन्हें भारत में डिज़ाइन और विकसित किया जाएगा. इनसे सैनिकों को रात के अंधेरे के अलावा ख़राब मौसम में भी दुश्मन का सामना करने में मदद मिलेगी. 

P-8i से चीन-पाकिस्तान परेशान
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह एयरक्राफ्ट दोधारी तलवार की तरह है जो एंटी-सबमरीन और एंटी-सरफेस वॉरफेयर को अंजाम देने में सक्षम है. यानी पोसाइडन-8i हवा में उड़ते हुए समंदर की गहराई में पनडुब्बी और सतह पर मौजूद दुश्मनों के जहाजों की कब्र खोद सकता है. जब P8I एयरक्राफ्ट हवा में होता है तो दुश्मन की पनडुब्बी के छिपे रहने की सारी संभावनाएं खत्म हो जाती हैं. ये ना सिर्फ समुद्र की गहराई में छिपे दुश्मन को ढूंढ निकालता है बल्कि वक्त आने पर दुश्मन को ऐसी मौत देता है कि वो समुद्र में होने के बावजूद पानी तक नहीं मांगता.