इंदौर. इंदौर (indore) में लोकायुक्त की टीम ने देपालपुर की अत्याना पंचायत सचिव योगेश दुबे के घर पर छापा मारा. आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर ये कार्रवाई की गयी. पंचायत सचिव शुरुआती जांच में ही करोड़ों का आसामी निकला. सुबह शुरू हुई कार्रवाई के बाद से लेकर 4 घंटे में ही उसकी करोड़ों की बेनामी संपत्ति का ख़ुलासा हो चुका है. छापे की कार्रवाई अभी जारी है.
करोड़ों की काली कमाई
लोकायुक्त डीएसपी संतोष सिंह भदौरिया के मुताबिक़ शुरुआती चार घंटे की कार्रवाई के दौरान छापे में करीब 15 तोला सोना, 4 लाख 16 हज़ार रुपए नगद, देपालपुर में 2 मकान, साढ़े 3 बीघा ज़मीन और चार व्यवसायी उपयोगी दुकानों का पता चला है.कार्रवाई अभी जारी है. इसमें ये आंकड़ा बढ़ सकता है.
मंदिर की ज़मीन पर बनायी कोठी
लोकायुक्त को देपालपुर की अत्याना पंचायत सचिव योगेश दुबे के खिलाफ काली कमाई की शिकायत मिली थी. इस पर लोकायुक्त पुलिस ने योगेश दुबे के विरुद्ध आय से अधिक सम्पत्ति का प्राथमिक प्रकरण दर्ज कर न्यायालय से सर्च की अनुमति मांगी थी. इजाज़त मिलते ही टीम शुक्रवार को अल सुबह उसके घर पर छापा मारने पहुंच गयी. आरोप है कि दुबे ने देपालपुर में एक मंदिर की ज़मीन पर कब्ज़ा कर अपनी आलीशान कोठी बनवायी. यहां मंदिर भी है और दुबे ही इसका पुजारी है. पंचायत सचिव योगेश दुबे के ख़िलाफ पंचायत सहित उनके घर के आसपास रहने वाले लोग भी कई बार लोकायुक्त में गोपनीय शिकायत कर चुके थे. मामले को गंभीरता से लेते हुए लोकायुक्त ने सर्च दल का गठन किया.
ईमानदारी की आय 20 लाख होती
पंचायत सचिव योगेश दुबे 1997 से सरकारी नौकरी में है. इस हिसाब से उसकी अब तक की आय ज़्यादा से ज़्यादा 20 लाख रुपए होती.लेकिन शुरुआती पड़ताल में ही उसके पास से करोड़ों की सम्पत्ति और दस्तावेज़ मिले हैं. इससे जाहिर होता है कि योगेश दुबे ने यह अनुपातहीन सम्पत्ति काली कमाई ( भ्र्ष्टाचार ) से ही अर्जित की थी.