नेपाल के नए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपनी पहली आधिकारिक विदेश यात्रा पर चीन जा रहे हैं। काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने ओली को 2 से 6 दिसंबर तक की आधिकारिक यात्रा के लिए न्योता भेजा है। रिपोर्ट के मुताबिक 5 नवंबर को चीनी राजदूत ने नेपाल के विदेश सचिव लामसाल को ये न्योता सौंपा। नेपाल में यह परंपरा रही है कि जो नए प्रधानमंत्री बनते हैं, वह सबसे पहले भारत का दौरा करते हैं। ओली के करीबी सलाहकारों ने काठमांडू पोस्ट से बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि भारत यह परंपरा कायम रखेगा लेकिन कार्यभार संभालने के चार महीने बीत जाने के बाद भी भारत से कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला। आमतौर पर नेपाल के प्रधानमंत्री को पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद नई दिल्ली से निमंत्रण मिलता है।
पहली बार PM बनने के बाद सबसे पहले भारत आए थे ओली
केपी ओली पहली बार अगस्त 2015 में नेपाल के PM बने थे। इसके बाद उन्होंने फरवरी 2016 में भारत का दौरा किया था। एक महीने बाद मार्च में उन्होंने चीन की यात्रा की थी। ओली अब तक चार बार नेपाल के PM बन चुके हैं। वे 2015 में 10 महीने, 2018 में 40 महीने और 2021 में तीन महीने तक पद पर रहे। ओली ने इस साल जुलाई में चौथी पर PM पद की शपथ ली थी। हालांकि ओली ने अपने पिछले कार्यकाल में कई भारत विरोधी कदम उठाए थे। उनके समय में ही नेपाल सरकार ने विवादित नक्शा जारी किया था। इसके अलाव उन्होंने कई भारत विरोधी बयान भी दिए थे। इस बार केपी शर्मा ओली को न्योता न भेजने के पीछे माना जा रहा है कि भारत की नेपाल को लेकर नीतियों में बदलाव आया है।
सितंबर में ही तय हुआ ओली का चीन दौरा
वहीं, चीन के आधिकारिक न्योते के बाद, विदेश मंत्री आरजू राणा ने अजरबैजान का दौरा रद्द कर दिया है। उन्हें 11-22 नवंबर तक यूनाइटेड नेशन के क्लाइमेट चेंज समिट में हिस्सा लेना था। लेकिन अब उनकी जगह राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल यह यात्रा करेंगे। विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ओली ने विदेश मंत्री से देश में रहकर उनकी चीन यात्रा की तैयारी करने का अनुरोध किया है। रिपोर्ट के मुताबिक न्यूयॉर्क में केपी शर्मा ओली की चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ मुलाकात हुई थी। इस दौरान वांग ने उन्हें बताया था कि वे दिसंबर में उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं।
चीन के कर्ज पर एयरपोर्ट बनाया, अब लोन माफी की कर सकते हैं अपील
काठमांडू पोस्ट ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि PM ओली यात्रा के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ली कियांग से मुलाकात करेंगे। इस दौरान ओली की कोशिश होगी कि चीन सरकार नेपाल को दिया गया लोन माफ कर दे। चीन ने पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए चीन को करीब 17 हजार करोड़ का लोन दे रखा है।रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले 23 अगस्त को नेपाल के वित्तमंत्री बिष्णु पौडेल भी चीन से लोन को माफ करने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने कहा था पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से इतनी कमाई नहीं हो पा रही है, जिससे चीन को उसका कर्ज चुकाया जा सके।इसके अलावा ओली इस दौरे पर BRI प्रोजेक्ट पर भी बातचीत कर सकते हैं। नेपाल में इसे लागू किए जाने को लेकर विवाद है। सरकार में सहयोगी नेपाली कांग्रेस चीन के मंहगे कर्ज का विरोध कर रही थी। हालांकि अब वो इस मामले पर शांत है। इससे पहले प्रचंड सरकार ने BRI से लोन लेने पर बचती रही, लेकिन अब मौजूदा सरकार इसे आगे बढ़ाने पर जोर दे रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल और चीन के बीच BRI प्रोजेक्ट पर 2017 में करार हुआ था। लेकिन 7 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक नेपाल में कोई भी प्रोजेक्ट शुरू नहीं हो पाया है। दरअसल, इससे पहले की सरकार चाहती थीं कि चीन नेपाल को कर्ज के बजाए आर्थिक मदद के रूप में पैसा दे। लेकिन चीन इससे इनकार कर रहा था।वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक चीन को डर है कि अगर वह नेपाल को यह छूट दे देता है तो बाकी देश भी उससे कर्ज माफ करने की मांग शुरू कर देंगे।
64 साल पहले शुरू हुई, PM का भारत का दौरा करने की परंपरा
BBC के मुताबिक पहली बार भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 26 जनवरी, 1960 को गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री बिशेश्वर प्रसाद कोइराला को न्योता भेजा था। उस समय भारत ने नेपाल को 18 करोड़ रुपये की मदद दी थी। इसी साल अप्रैल में कोइराला ने चीन का भी दौरा किया और चीनी नेता माओत्से तुंग से मुलाकात की थी।