खनिज साधन मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल ने बताया है कि छतरपुर जिले की वर्षों से अनुपयोगी बंदर हीरा खदान लेने के लिये 5 बड़ी कम्पनियों ने 13 नवम्बर को खुली प्रथम चरण की तकनीकी निविदाओं में बिड जमा कर अपना दावा प्रस्तुत किया है। ये कम्पनियाँ हैं भारत सरकार का उपक्रम नेशनल मिनरल डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएमडीसी), एस्सेल माइनिंग (बिरला ग्रुप), रूंगटा माइन्स लिमिटेड, चेंदीपदा कालरी (अडानी ग्रुप) तथा वेदांता कम्पनी।
मंत्री श्री जायसवाल ने बताया कि 55 हजार करोड़ रुपये की यह खदान रियो टिंटो कम्पनी ने छोड़ी थी। देश की इस सबसे बड़ी खदान के नीलामी प्रकरण में भारत सरकार के नियमानुसार लगभग 56 करोड़ रुपये की सुरक्षा निधि जमा कराई जानी थी। इसके लिये आवेदक कम्पनी की नेटवर्थ कम से कम 1100 करोड़ रुपये होना आवश्यक था।
खनिज साधन मंत्री ने बताया कि 13 नवम्बर की निविदा कार्यवाही के बाद अब तकनीकी बिड के मूल्यांकन का कार्य 27 नवम्बर, 2019 को पूर्ण किया जायेगा। इसके बाद 28 नवम्बर को प्रारंभिक बोली खोली जाएगी और उसके अगले दिन ऑनलाइन नीलामी सम्पादित की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि छतरपुर जिले में लगभग 3.50 करोड़ कैरेट के हीरे के भण्डार का अनुमानित मूल्य 55 हजार करोड़ रुपये है। इस पर राज्य शासन को प्राप्त होने वाली रॉयल्टी की दरों के आधार पर नीलामी सम्पन्न की जाएगी।