इन्दौर । संभागायुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने संभाग के ज़िलों में पदस्थ सभी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) शासन के प्रतिनिधि हैं। वे अपने अनुविभाग में शासन की सभी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। विभिन्न विभागों की जन-कल्याणकारी योजनाओं से जरूरतमंदों को लाभान्वित कराने में लीडरशिप दिखाएं। संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने कहा कि इन्दौर संभाग के सभी ज़िलों में तालाबों का संरक्षण एक विशेष मुहिम चलाकर किया जाएगा। उन्होंने इस बाबत सभी एसडीएम से कहा कि वे प्रथम चरण में अनुविभाग और तहसील मुख्यालय सहित बड़े कस्बों में स्थित तालाबों का चिन्हांकन कर लें। इस संबंध में शीघ्र ही विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। कमिश्नर कार्यालय में आज संपन्न इस बैठक में संयुक्त आयुक्त राजस्व श्रीमती सपना सोलंकी सहित सभी ज़िलों के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उपस्थित थे।
:: संभाग के तालाबों से अतिक्रमाण हटाने के सख्त निर्देश ::
संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने कहा कि मालवा-निमाड़ क्षेत्र में अनेक ऐसे प्रमुख तालाब हैं, जिनका संरक्षण किया जाना आवश्यक है। तालाबों में निरंतर पानी की आवक बनी रहे, इसके लिए तालाबों की जद सहित पानी आने के चैनल से बाधाएं हटाना भी ज़रूरी है। यहाँ अतिक्रमण हटाए जाएं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में एक मोबाइल एप भी तैयार किया जा रहा है, जिसके ज़रिये तालाबों की जियो फ़ेंसिंग हो सकेगी। इसके ज़रिये अतिक्रमण भी चिन्हित किया जा सकेगा। श्री त्रिपाठी ने कहा कि इन्दौर शहर में स्थित बड़े तालाबों पर इस वर्ष ध्यान दिया गया और पानी आने के चैनल से बाधाओं को हटाया गया। इससे इस साल बेहतर जल भराव संभव हो पाया। ऐसी ही मुहिम संभाग के सभी तालाबों के लिए चलायी जाएगी। सभी एसडीएम इस दिशा में तत्काल कार्यवाही प्रारंभ करें। श्री त्रिपाठी ने कहा कि बनेड़िया तालाब जैसे अनेक तालाबों में खेती के पट्टे दिए जाते हैं। खेती करने के कारण बहुत से तालाबों का पानी भी अकारण निकाल दिया जाता है। यह एक बड़ी जल हानि है। अतः तालाबों की भूमि पर खेती करने को हतोत्साहित किया जाए। इस संबंध में विचार किया जा रहा है। श्री त्रिपाठी ने तालाबों में सीमाचिह्न लगाने के निर्देश भी दिए। श्री त्रिपाठी ने कहा के तालाबों से सिल्ट हटाने की कार्यवाही भी यथा समय की जानी चाहिए। इसमें तकनीकी पक्षों का अवश्य ध्यान रखा जाए, जिससे तालाब की मेड़ या भूमि से जल रिसाव नहीं हो। यह भी ध्यान रखा जाए।
:: संभाग के शासकीय चिकित्सालयों की दशा सुधारने के निर्देश ::
संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने समस्त एसडीएम से कहा कि वे अपने अनुविभाग के चिकित्सालयों की दशा सुधारने में अगुवाई करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक चिकित्सालय में सेवाएँ चिन्हित हैं। मरीज़ों को पैथोलॉजी लैब सहित अन्य जो सेवाएँ मिलती है, वह उन्हें मिलना सुनिश्चित कराएं। अस्पतालों में जो मशीने ख़राब पड़ी हुई है, उसके संबंध में सजग रहें। मशीनें ख़राब होने पर इसे तत्काल दुरुस्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुबंधित एजेंसी को तत्काल सूचित कर ख़राब पड़ी मशीनों को दुरुस्त कराया जाए।
:: मिलावट के विरूद्ध अभियान जारी रखें ::
संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने बैठक में मिलावट के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह अभियान सतत् चलना चाहिए। दीपावली त्यौहार नज़दीक होने के कारण मावा इत्यादि पर विशेष नज़र रखी जाए। श्री त्रिपाठी ने सभी एसडीएम से कहा कि वे बग़ैर सुरक्षा के पटाखों के भंडारण पर भी नज़र रखें और कहीं पर भी दुर्घटना का कारण उत्पन्न नहीं होने दें।
संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने कहा कि शासकीय देव स्थानों का प्रबंधन भी सुधारा जाए। शासकीय मंदिरों की ज़मीनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो और इन पर अतिक्रमण या क़ब्ज़ा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रमुख मंदिरों में बेहतर प्रबंधन के लिए ट्रस्ट बनाने पर भी विचार किया जाए। उन्होंने इन्दौर के इस संबंध में जूनी एसडीएम एवं तहसीलदार द्वारा की गई कार्यवाही की भी सराहना की।
:: नामांतरण-बटवारे और सीमांकन के प्रकरण समय-सीमा में निराकृत करें ::
संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने बैठक में नामांतरण बँटवारे सहित अन्य राजस्व कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी राजस्व प्रकरण समय-सीमा में निराकृत हो। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में प्राप्त आवेदनों का भी तत्परतापूर्वक निराकरण करने के लिए कहा। बैठक में इन्दौर-दाहोद रेल लाइन और एन.एच.ए.आई में लगने वाली भूमि के भू अर्जन की समीक्षा भी की। उन्होंने सभी एसडीएम से कहा कि यह नवीन निर्माण कार्य विकास के वाहक है, इनसे संबंधित प्रकरण प्राथमिकता से निराकृत किए जाएं। बैठक में डायवर्सन और अन्य राजस्व वसूली की समीक्षा भी की गई। कनाड़िया एसडीएम द्वारा 19 करोड़ के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 16 करोड़ की रुपये की वसूली होने पर उन्होंने प्रसन्नता ज़ाहिर की। वही पाया गया है कि सांवेर में यह वसूली अभी महज़ 22 प्रतिशत ही हो पाई है। खंडवा ज़िले में भी राजस्व वसूली की ख़राब स्थिति पर उन्होंने अप्रसन्नता जताई। डायवर्सन के प्रकरणों की समीक्षा के दौरान संभागायुक्त श्री त्रिपाठी ने निर्देश दिए कि सभी एसडीएम, टीएनसीपी से प्राप्त मास्टर प्लान के प्रति अपने पास रखें ताकि आवेदक को टीएनसीपी या अन्य स्थानों पर चक्कर नहीं लगाना पड़े।