बिलासपुर। संभाग स्तरीय युवा संसद प्रतियोगिता के समापन समारोह में बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय ने स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत संसदीय कार्यवाही देखने के पश्चात सहज तरीके से बच्चों को समझाया। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को संसद, विधानसभा व सार्वजनिक जीवन में हमेशा मर्यादा में रहना चाहिये। जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी सम्मान करना चाहिये। क्योंकि वे विभिन्न जनहित के कार्यों को क्रियान्वयन कर मूर्त रूप देते हैं। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि को निष्पक्ष कार्य करना चाहिये। श्री पाण्डेय ने कहा कि बच्चों को इस तरह के प्रतियोगिता में भाग लेना चाहिये। इससे बौद्धिक व आत्मबल का विकास होता है। विधायक ने विधानसभा के अपने अनुभवों को प्रतिभागियों के बीच साझा किया।
संभागायुक्त बी.एल.बंजारे ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस दो दिवसीय संसदीय कार्यवाही के जीवंत चित्रण से स्कूली बच्चों को देखने-समझने का अवसर मिलता है। बच्चे अपने देश के संसदीय कार्यवाही को बड़े नजदीक से देखते हैं। जिला शिक्षा अधिकारी हीराधर ने बताया कि इस प्रतियोगिता की थीम ‘‘नये भारत की आवाज बनें’’ था। उन्होंने सभी प्रतियोगियों एवं उनके शिक्षकों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लिया।
उपायुक्त श्रीमती फरिहा आलम सिद्दिकी ने कहा कि बच्चे इस तरह के प्रतियोगिता में भाग लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सफलता के लिये कड़ी मेहनत जरूरी है। इसका कोई शार्टकट रास्ता नहीं है। इस प्रतियोगिता में कोरबा जिला को प्रथम पुरस्कार मिला। वहीं दूसरे व तीसरे नंबर पर बिलासपुर व रायगढ़ रहे। शिक्षा जिला में सक्ती, मुंगेली व जांजगीर को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ। सभी अतिथियों को शिक्षा विभाग की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। इस अवसर पर उपायुक्त श्रीमती अर्चना मिश्रा, नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय, संयुक्त संचालक शिक्षा आर.एस.चैहान, अटल श्रीवास्तव, विजय केशरवानी, निर्णायकगण सहित संभाग के विभिन्न जिलों के शिक्षा अधिकारी, शिक्षक एवं छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।