म.प्र. से बीमारू राज्य का तमगा हटा, लोगों का नजरिया भी बदला है : अरुण जेटली

0
179

जबलपुर। 15 साल पहले मप्र देश के बीमारू राज्यों में शुमार था और आज प्रदेश न सिर्फ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा है, बल्कि इसके साथ लोगों का नजरिया और उनका एजेंडा भी बदला है। यह बदलाव भाजपा की सरकार व शिवराज जी के नेतृत्व में हुआ है। यह बात केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने रविवार को जबलपुर में होटल नर्मदा जैक्सन में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन में कही। इस सम्मेलन में डाक्टर्स, एडवोकेट्स, उद्योगपति, व्यापारी, शिक्षाविद्, पत्रकार एवं छात्र छात्राओं ने भागीदारी की। बिजली, पानी, सड़क ही थे मध्यप्रदेश में मुद्दे प्रबुद्ध वर्ग को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि 2003 के समय मैं प्रदेश का प्रभारी था। उस समय कई बार प्रवास पर मध्यप्रदेश आना होता था। मुझे याद है कि मध्यप्रदेश का नाम कभी देश के उन्नत राज्यों की सूची में 22वें तो कभी 25वें स्थान पर आता था। आजादी के बाद से देश के कुछ राज्य जिन्हें बीमारू कहा जाता था, उनमें मध्यप्रदेश भी हुआ करता था। उस समय केवल 3 मुद्दे सड़क, बिजली और पानी हुआ करते थे। ऐसा लगता था, जैसे हम अफ्रीका के जंगल में रहते हों किंतु आज 2018 में प्रदेश के लोगों का एजेंडा बदल चुका है। अब तो बीमारू शब्द भी याद नहीं रहता है।

पिछले 15 वर्षों में हुआ उत्तरोत्तर विकास
श्री जेटली ने कहा कि 15 साल पहले कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि मप्र के दो शहर स्वच्छता में देश के पहले और दूसरे नम्बर पर आएंगे। 15 साल पहले किसी ने नहीं सोचा होगा कि मप्र कृषि उत्पादन में देश का नम्बर 1 राज्य होगा। किसी ने नहीं सोचा होगा कि मप्र की विकास दर तेजी से बढ़कर 10 प्रतिशत और कृषि विकास दर 20 प्रतिशत हो जाएगी। विश्व में 3 या साढ़े 3 प्रतिशत की आर्थिक ग्रोथ को अच्छा माना जाता है और विकसित देशों में एक से डेढ़ प्रतिशत की आर्थिक ग्रोथ को बेहतर माना जाता है। किसी प्रदेश के शहर आगे बढ़ते हैं और गांवों का स्तर ऊपर उठता है तो उसका असर व्यापार और उद्योग पर पड़ता है। मध्यप्रदेश में भी शहरों और गांवों का उत्तरोत्तर विकास हुआ है जिससे प्रदेश आगे बढ़ा है। मुख्यमंत्री शिवराज जी के प्रयासों की सफलता है कि अब उन्नति एवं विकास के विषय में सोचा जाता है।

मोदी जी के शासन में मिली देश को आर्थिक मजबूती
जेटली ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में सरकार बनने से पहले पूरे विश्व में भारत के बारे में सिर्फ यह चर्चा होती थी कि यह देश पॉलिसी पैरालिसिस का शिकार है। यहां की अर्थव्यवस्था चरमरा रही थी साथ ही देश की इन्फिलेशन 10.4 प्रतिशत थी। उसके पीछे कई कारण थे जिनमें आर्थिक मामलों में पिछड़ापन, भ्रष्टाचार और कई स्कैम वजह बने। इन परिस्थितियों के बाद साढ़े चार साल में मोदी जी के नेतृत्व में हमने इन्फिलेशन को 3.5 प्रतिशत तक लाए और देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ी है। 2014 में हम दसवें नम्बर पर थे और चार वर्षों में पूरे विश्व में हम छठवें नम्बर पर आ गये हैं। आने वाले समय में हम यूनाइटेड स्टेट और चाइना के बाद तीसरे नम्बर पर होंगे।

टैक्स सिस्टम में बदलाव से हुआ फायदा
जेटली ने कहा कि देश के टैक्स सिस्टम में बदलाव किया गया, जिसका फायदा अर्थव्यवस्था पर हुआ है। ऑनलाइन टैक्स पे करने जैसी सुविधा से पर्सनल टैक्स बढ़ा है। श्री जेटली ने कहा कि 2014 तक पूरे देश में 3.8 करोड़ आयकर दाता थे, जो साढ़े चार सालों में दोगुने हो गये हैं। पहले सिर्फ 58 प्रतिशत लोगों का बैंक खाता था। हमने 33 करोड़ लोगों को बैंकों से जोड़ा और आज शासन की योजनाओं का लाभ सीधे उनके खाते में मिलता है। देश में 2014 के पहले स्वच्छता अभियान के बारे में कोई बात नहीं करता था। गांवों में मात्र 39 प्रतिशत शौचालय थे, जो अब 92 प्रतिशत घरों में हैं। उज्जवला योजना के तहत घरेलू गैस का लाभ 6.5 करोड़ गरीब महिलाओं को मिला है और आगे 8 करोड़ तक ले जाने का हमारा लक्ष्य है। देश के 7 लाख गांवों में उजाला योजना से बिजली पहुंची है। आयुष्मान भारत योजना से 10 करोड़ परिवारों को बीमारी सहायता हेतु 5 लाख रूपये तक की मदद सरकार द्वारा दी जायेगी। यह विश्व की सबसे बड़ी हैल्थ केयर स्कीम है। इन सब योजनाओं को बनाने और साकार करने के लिये मजबूत और सशक्त नेतृत्व वाली सरकार का होना आवश्यक है।

कांग्रेस झूठ के सहारे मुद्दे गढ़ रही है
श्री जेटली ने कहा देश के लोगों की सोच में अंतर आया है और विपक्ष के पास सरकार के विरोध में बोलने कोई विषय नहीं है। विपक्ष झूठ का सहारा लेकर मुद्दे गढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वर्तमान कांग्रेस के जो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, 1947 के बाद से उनसे ज्यादा नासमझ राजनेता कोई नहीं हुआ होगा। कांग्रेस लगातार राफेल मुद्दे पर झूठ को आगे कर कर जनता को भ्रमित करने के साथ राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ करती रही है और उनके अध्यक्ष आज भी उस झूठ पर कायम हैं। देश में एक ऐसा माहौल बनाया जा रहा है जिसमें संस्कार शब्द को अपशब्द के रूप में दर्शाया जा रहा है और जो राष्ट्रवाद की बात करे, उसे गलत साबित कर माओवादियों और हिंसा का सहारा लेने वालों के मानवाधिकारों की बात की जा रही है। यह राजनैतिक दिवालियापन के संकेत हैं।

सक्षम नेतृत्व और निर्णय लेने वाली सरकार बनाइये
जेटली ने कहा कि हमें ऐसा नेतृत्व और ऐसी सरकार चाहिये जिसमें निर्णय लेने की क्षमता हो, न कि ऐसा नेता जो दूसरों पर निर्भर हों। कांग्रेस मप्र, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में तो एक हो नहीं पाई, देश में स्थिरता कैसे देगी। इसीलिये आज देश और मप्र में जो परिस्थिति है, उससे लगता है कि इतिहास ने हमें एक बड़ा अवसर दिया है। प्रबुद्ध वर्ग के सम्मेलन में मंच पर दिल्ली के नेता प्रतिपक्ष श्री विजेन्द्र गुप्ता, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. राजेन्द्र फड़के, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रविनंदन सिंह, नगर अध्यक्ष श्री जी.एस.ठाकुर, मनोनीत विधायक श्रीमती एल.बी.लोबो, डॉ. जितेन्द्र जामदार उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सीए अखिलेश जैन ने किया। कार्यक्रम में श्री जेटली ने लोगों के प्रश्नों का जवाब भी दिया।