मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कलेक्टर की जिम्मेदारी है कि वे रेवेन्यू कलेक्शन बढ़ाएं। रेवेन्यू कलेक्शन तो तभी बढ़ेगा जब उद्योग लगेंगे और बढ़ेंगे। इसलिए यह काम कलेक्टरों से करने को कहा है। कानून व्यवस्था का काम तो ठीक हो ही जाएगी। उन्होंने कहा कि हमने कलेक्टरों को साफ कर दिया है कि कोई भी उद्योग लगाने वाला गली-गली, दफ्तर-दफ्तर नहीं भटकेगा। बिजली कनेक्शन देना हो या कोई और अन्य सुविधा दिलाना हो, यह कलेक्टर की जिम्मेदारी होगी कि वह सारी व्यवस्थाएं कराए।
सीएम यादव ने ये बातें भोपाल में फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि उद्योग क्षेत्र की समस्याओं को दूर कर मध्यप्रदेश को फार्मा सेक्टर सहित अन्य सेक्टर्स में आगे ले जाएंगे। उद्यमशीलता के विकास और औद्योगिक प्रगति के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में कमी नहीं रहेगी। यह आवश्यक है कि हर हाथ को काम मिले और रोजगारपरक उद्योगों के विकास में सभी सहभागी बनें। खर्चों में कटौती के साथ आय बढ़ाने के उपाय खोजना भी जरूरी है। कार्यक्रम में फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की उद्योग नीतियों की अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी प्रशंसा की है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भी भारत को गेहूं खरीदने जैसे कार्यों में संघर्ष करना होता था। कुछ प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में भारत ने अनेक कष्ट उठाए। किसी के मौन रहने से तो किसी के विदेशों में सोना गिरवी रखने के फैसले क्षोभ पैदा करते थे। पिछले दस वर्ष विश्व पटल पर भारत की गरिमा बढ़ाने वाले वर्ष रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को ग्यारहवें स्थान से पांचवें स्थान पर लाने का कार्य किया है।