सरकार के पास होगी किसानों की कुंडली:फार्मर रजिस्ट्री में दर्ज होगा किसान का पर्सनल डेटा

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मध्य प्रदेश के हर किसान की कुंडली सरकार के पास होगी। इसके लिए फार्मर रजिस्ट्री के जरिए सभी किसानों के डेटाबेस जुटाने का काम शुरू कर दिया है। कलेक्टरों को फार्मर रजिस्ट्री में सभी किसानों को रजिस्टर कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए हर किसान का आईडी बनाया जाएगा, जिससे उसकी पहचान हो सकेगी।

सरकार उसे केंद्र और राज्य सरकार की कृषि योजनाओं का लाभ दिला सकेगी। सरकार को यह पता होगा कि कौन सा किसान कितनी जमीन का मालिक है। उसके पास खेती की कितनी जमीन सिंचित और असिंचित रूप में है।

कृषि विभाग ने इसके लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं। फार्मर रजिस्ट्री क्रियान्वयन की इस प्रक्रिया को 30 नवंबर 2024 तक पूरा किया जाना है। सरकार ने किसानों के लिए यह संदेश भी साफ कर दिया है कि दिसंबर माह से पीएम किसान योजना का लाभ केवल फार्मर आईडी के माध्यम से ही किसानों को मिल सकेगा।

इसलिए सभी किसानों को इसका रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। सरकार का मानना है कि इससे किसानों के हित में शासन की विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शिता के साथ हो सकेगा।

ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन

  • फार्मर रजिस्ट्री का क्रियान्वयन पोर्टल https://mpfr.agristack.gov.in पर होगा।
  • इस रजिस्ट्रेशन के लिए पटवारी, युवा एवं किसानों को मोबाइल एप के माध्यम से भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी गई है।
  • किसानों के लिए Farmer Registry MP मोबाइल एप, स्थानीय युवाओं के लिए Farmer Sahayak MP APP की सुविधा है।
  • इसमें जो व्यवस्था तय की गई है उसमें प्रदेश के भू-अभिलेख के डेटा के आधार पर कार्य किया जा रहा है।
  • इससे हर एक गांव में एक किसान की भूमि की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
  • हर फार्मर आईडी बनाए जाने के लिए राशि 10 रुपए स्थानीय युवा को प्रदान की जाएगी।
  • भारत सरकार द्वारा तय काम पूरा करने के अलावा हर अतिरिक्त खाता जोड़ने के लिए 5 रुपए स्थानीय युवक को दिए जाएंगे।

मोबाइल नंबर, खातों की जानकारी होगी दर्ज

  • फार्मर रजिस्ट्री तैयार होने पर आवश्यकता की स्थिति में जिला, तहसील, ग्राम का चयन कर खाता एवं भूमि स्वामी का चयन किया जा सकेगा।
  • इस ऐप एवं पोर्टल का उपयोग कर किसानों के सभी खातों को लिंक करते हुए ई-केवाईसी की कार्यवाही की जाएगी। इसके लिए किसान की सहमति इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्राप्त की जाएगी।
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के हितग्राहियों की फार्मर आईडी प्राथमिकता के आधार पर जनरेट की जाएगी।
  • हर खातेदार के खसरा, हिस्सा, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, ई-केवाईसी विवरण फार्मर रजिस्ट्री में दर्ज की जायेगी।
  • भू अभिलेख में परिवर्तन होने पर फार्मर रजिस्ट्री में जानकारी स्वतः ही अपडेट हो जाएगी। डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण में हर खसरे में दर्ज फसल की जानकारी उपलब्ध होगी। कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भूमिस्वामी द्वारा तय शुल्क देकर फार्मर रजिस्ट्री बनवाई जा सकती है।
  • डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण के लिए चिह्नांकित स्थानीय युवा द्वारा फार्मर रजिस्ट्री बनाए जाने का कार्य अभियान के रूप में किया जाएगा। इसके लिए स्थानीय युवकों को राशि का भुगतान आधार से लिंक बैंक खाता में किया जाएगा।

इसलिए कराया जा रहा किसानों का रजिस्ट्रेशन

  • प्रदेश के सभी किसानों के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पारदर्शी तथा समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराया जा सकेगा।
  • योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए किसानों की पहचान एवं प्रमाणीकरण आसानी से हो सकेगा।
  • किसानों के लिए कृषि ऋण, वित्त और अन्य सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए कृषि सेवाओं की उपलब्धता में सुगमता रहेगी।

किसानों को यह होगा फायदा

  • पीएम किसान योजना की किस्त प्राप्त करने की अनिवार्यता की शर्त को पूरा करने में आसानी होगी।
  • कृषकों को फसल ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड, कृषि के विकास के लिए अन्य लोन आसानी से मिल सकेंगे।
  • फसल बीमा का लाभ सुगमता से मिल सकेगा। आपदा की स्थिति में किसानों की क्षति पूर्ति राशि के लिए चिह्नित करने में आसानी होगी।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी में किसानों का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हो सकेगा।
  • सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने में भी फार्मर रजिस्ट्री के आंकड़े मददगार साबित होंगे। इसके लिए बार-बार सत्यापन आवश्यक नहीं होगा।