नई दिल्ली । भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद का मानना है कि विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत बिना किसी कारण के गैरजरूरी दबाव ले रहे हैं । प्रसाद ने कहा कि ऋषभ अपने को अनुभवी खिलाड़ी महेन्द्र सिंह धोनी का उत्तराधिकारी मानकर कुछ ज्यादा ही दबाव ले रहे हैं। प्रसाद ने कहा कि खराब फार्म से गुजर रहे इस युवा खिलाड़ी को वापसी के लिए अपनी ‘अविश्वसनीय प्रतिभा’ का सहारा लेना चाहिए। अभी कुछ समय पहले तक ऋषभ तीनों प्रारूपों में विकेटकीपिंग के लिए पहली पसंद थे पर पिछले कुछ समय से वह फार्म हासिल नहीं कर पाये हैं। इसके अलावा अनुभवी ऋद्धिमान साहा की चोट से वापसी के बाद वह टेस्ट टीम की अंतिम एकादश में भी पहुंच नहीं पाये हैं। बल्लेबाजी के अलावा उनकी विकेटकीपिंग भी नाम के अनुरुप नहीं रही है। वहीं टीम के दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा ने आलोचकों से कहा है कि इस युवा विकेटकीपर बल्लेबाज को अकेला छोड़ दे। वहीं महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर का कहना है कि जब भी वह भारत के लिए खेलेंगे तो दबाव रहेगा ही।
चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद ने कहा, ‘‘ मैं रोहित और सुनील सर की बातों से सहमत हूं। ऋषभ बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उसे लय में लौटने के लिए कुछ अच्छी पारियों की जरूरत है। टीम प्रबंधन से मेरी चर्चा हुई है और उन्होंने कहा कि वे ऋषभ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हासिल करने की पूरी कोशिश में लगे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ जहां तक दबाव की बात है तो ऋषभ को निश्चित रूप से यह पता होना चाहिए कि खेल के इस स्तर पर दबाव रहता है और जो इस दबाव को झेल लेता है वही वास्तविक चैम्पियन बनता है। उसके सामने विराट और रोहित जैसे खिलाड़ियों का उदाहरण है।’’ प्रसाद 2016 में भारतीय टीम के मुख्य चयनकर्ता बने थे। उन्होंने कहा कि ऋषभ को कभी भी धोनी का उत्तराधिकारी बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ऋषभ को यह भी अहसास होना चाहिए कि उसकी अपनी पहचान है और उसे कभी भी धोनी से अपनी तुलना नहीं करनी चाहिए लेकिन मुझे लगता है कि उसके दिमाग कुछ ऐसा ही चल रहा है।