कोच के कहने पर संन्यास से वापस लौटे सुनील छेत्री:रिटायरमेंट के बाद से भारत ने कोई मैच नहीं जीता

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भारतीय फुटबॉल के सबसे बड़े सितारे सुनील छेत्री ने जून 2024 में कतर के खिलाफ मैच के बाद कोलकाता में संन्यास ले लिया था। 19 साल के उनके शानदार अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद भारतीय फुटबॉल में सबसे बड़ा सवाल था – “सुनील छेत्री के बाद कौन?” क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में सबसे ज्यादा गोल करने वाले एक्टिव खिलाड़ियों में छेत्री तीसरे नंबर पर थे। इतने बड़े खिलाड़ी का विकल्प ढूंढना कभी आसान नहीं होने वाला था। हुआ भी ऐसा ही। बीते नौ महीनों में भारतीय फुटबॉल में कोई ऐसा खिलाड़ी नहीं उभरा जो उनकी जगह ले सके। ऐसे में छेत्री ने 6 मार्च को संन्यास से वापसी की। जो सवाल था कि सुनील छेत्री के बाद कौन, तो जवाब है – खुद सुनील छेत्री ही। कोच मार्केज ने कहा, ‘टीम को अभी जीत चाहिए और अभी छेत्री भारत के सबसे बेहतरीन स्ट्राइकर हैं, इसमें कोई शक नहीं है।

क्यों लौट रहे हैं छेत्री?

भारत 19 मार्च को मालदीव के खिलाफ फ्रेंडली मैच खेलेगा। इसके बाद 2027 एएफसी एशियन कप क्वालिफायर में टीम इंडिया बांग्लादेश से भिड़ेगी। भारतीय टीम के कोच मानोलो मार्केज के आग्रह पर 40 साल के छेत्री मार्च की इस अंतरराष्ट्रीय विंडो में टीम के लिए खेलेंगे। वे संन्यास के 286 दिन बाद मैदान पर वापसी करेंगे।

पूरे साल 2024 में भारत ने फुटबॉल में कोई मैच नहीं जीता। टीम को 11 में से छह मैच में हार मिली और पांच ड्रॉ रहे। इन मैचों में टीम ने 15 गोल खाए और सिर्फ चार किए।

इगोर स्टिमैक को हटाकर एसोसिएशन ने मार्केज को कोच बनाया लेकिन उनके कार्यकाल में टीम ने सिर्फ दो गोल किए हैं, पांच गोल खाए हैं। छेत्री के संन्यास के बाद से भारत ने कोई मैच नहीं जीता है। ललिंजुआला छांगटे, मनवीर और लिस्टन कोलासो जैसे खिलाड़ी छेत्री का भरोसेमंद विकल्प नहीं बन सके हैं। ऐसे में मार्केज के पास छेत्री को बुलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

छेत्री का लौटना बताता है कि आईएसएल के 13 क्लब नाकाम रहे

पूर्व स्ट्राइकर का कहना है कि छेत्री का लौटना आईएसएल की नाकामी को दर्शाता है। यह दिखाता है कि आईएसएल के 13 क्लबों ने पिछले कुछ सालों में एक भी ऐसा भारतीय स्ट्राइकर तैयार नहीं किया जो छेत्री की जगह ले सके।

मौजूदा घरेलू सीजन में छेत्री भारत के सर्वोच्च स्कोरर

बाईचुंग भूटिनया का कहना है कि छेत्री का लौटना भारतीय फुटबॉल के लिए अच्छा संकेत नहीं है। हमें 40 साल के रिटायर खिलाड़ी पर निर्भर रहना पड़ रहा है। कोच पर क्वालिफायर जीतने का दबाव है, लेकिन हमें दीर्घकालिक सोचना चाहिए और युवाओं को मौका देना चाहिए। हालांकि, छेत्री का लौटना टीम के लिए अच्छा है। कोच ने उन पर भरोसा जताया है। अब यह देखना होगा कि वह पूरे 90 मिनट खेलते हैं या नहीं। यहां पर छेत्री के लिए भी बड़ा जोखिम है। अगर भारत क्वालिफाई नहीं कर पाया तो सारा दोष उन्हीं पर ही डाला जा सकता है।

40 साल की उम्र में भी छेत्री भारत के सबसे अच्छे स्ट्राइकर हैं। घरेलू फुटबॉल लीग आईएसएल में बेंगलुरु एफसी के लिए वे 12 गोल कर चुके हैं, जो इस सीजन भारतीयों में सर्वाधिक है। 2005 में डेब्यू के बाद से छेत्री ने टीम इंडिया के लगभग 40 फीसदी गोल किए हैं, और 2021 से 2024 के बीच तो राष्ट्रीय टीम के 45 फीसदी गोल सिर्फ उन्होंने किए हैं।