शिवसेना का गढ़ माने जाने वाले कोंकण क्षेत्र में सरकार से नाराजगी थी. कभी कांग्रेस का गढ़ रहे मुंबई में पीएमसी बैंक घोटाले का भी असर था. इन सबके बीच एग्जिट पोल के अनुमान यदि नतीजों में तब्दील होते हैं तो जनता ने एक सुर से एनडीए को किंग बताया है.
महाराष्ट्र की जनता ने 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव किया. सोमवार को मतदान संपन्न होने के बाद एग्जिट पोल आए, जिनमें प्रदेश में एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनती नजर आ रही है.
महाराष्ट्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की वापसी के संकेतों के बीच सवाल यह भी है कि मुंबई और कोंकण-ठाणे का किंग कौन? यह सवाल इसलिए भी, क्योंकि कुछ समय पहले पेड़ों की कटाई के कारण चर्चा में रहा आरे भी इसी क्षेत्र में आता है.
शिवसेना का गढ़ माने जाने वाले कोंकण क्षेत्र में सरकार से नाराजगी थी. कभी कांग्रेस का गढ़ रहे मुंबई में पीएमसी बैंक घोटाले का भी असर था. इन सबके बीच एग्जिट पोल के अनुमान यदि नतीजों में तब्दील होते हैं तो जनता ने एक सुर से एनडीए को किंग बताया है.
मुंबई की 36 में से 30 सीटें एनडीए को
मुंबई में विधानसभा की कुल 36 सीटें हैं. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल के अनुमानों के अनुसार इन 36 में से 30 सीटें एनडीए के हिस्से में आती दिख रही हैं. वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) महज तीन सीटों पर सिमटता नजर आ रहा है. अन्य को भी तीन सीटें मिल सकती हैं.
कोंकण-ठाणे में एनडीए को 29, यूपीए को 6 सीटें
कोंकण-ठाणे क्षेत्र पर भी सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी गठबंधन के बीच चुनाव प्रचार के दौरान जोर आजमाइश देखने को मिली. इस क्षेत्र में कुल 39 सीटें हैं. एग्जिट पोल के नतीजों में सत्ताधारी एनडीए को 29 और विपक्षी यूपीए को 6 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. चार सीटें अन्य के खाते में जाती दिख रही हैं.
2014 में किसको मिली थीं कितनी सीटें
2014 के पिछले चुनाव के नतीजे देखें तो बीजेपी और शिवसेना ही इन क्षेत्रों में भारी पड़े थे. मुंबई क्षेत्र की 36 में से 15 सीटें बीजेपी और शिवसेना ने 14 सीटें जीती थीं. कांग्रेस पांच सीटों पर सिमट गई थी, जबकि उसकी सहयोगी शरद पवार की एनसीपी खाता खोलने में भी विफल रही थी. अन्य के खाते में दो सीटें गई थी. कोंकण-ठाणे क्षेत्र की 39 में से 14 सीटें शिवसेना, 10 सीटें बीजेपी ने जीती थीं. एनसीपी को आठ और कांग्रेस को महज एक सीट पर जीत मिली थी. अन्य के खाते में 6 सीटें गई थीं.