‘ विज़न भोपाल ’ में मवेशी प्रबंधन भी है जरूरी
Digvijay Singh
‘ विज़न भोपाल ’ में मवेशी प्रबंधन भी है जरूरी
‘ विज़न भोपाल ’ कार्य योजना पर मध्य प्रदेश सरकार ने निर्णय लेना शुरू कर दिया है . मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य मंत्री एवं भोपाल लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी रहे दिग्विजय सिंह ने 7 जुलाई को पत्रकारों के साथ चर्चा में यह बात कही .दरअसल ‘विज़न भोपाल’ भोपाल के विकास के साथ समूचे भोपाल के प्रबंधन के लिए भविष्य की योजना पर एक डॉक्यूमेंट है. इसे लोकसभा चुनाव से पूर्व दिग्विजय सिंह जी ने भोपाल लोकसभा क्षेत्र के लोगों से चर्चा करने के बाद जारी किया था .
विज़न भोपाल योजना में सारा कुछ है परन्तु बहुत कुछ नहीं भी है .एक पत्रकार के अनुसार सारी की सारी योजना बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन पर केन्द्रित है .कुछ में चर्चा है कि कांजी हाउस का नाम ही नहीं है ,सड़कों पर घूमते मवेशियों को समय समय पर कैसे एक निर्धारित स्थान कांजी हाउस में पहुँचाया जायेगा ,स्लॉटर हाउस होगा या नहीं होगा यदि होगा तो रहवासी इलाके से कितना दूर होगा , सीवेज सिस्टम , नालों की सफाई आदि ऐसे कई प्रश्न और उन प्रश्नों के हल ढूढना अभी भी बाकि है जो की आने वाले समय में पुरे किये जा सकेंगे ऐसी उम्मीद जनता को सरकार से हमेशा से ही रहती आई है .समय समय पर सड़कों के गड्ढों का भराव होता रहे ऐसी भी उम्मीद भोपाल वासियों को हमेशा रही परन्तु जनता की उम्मीद पर पानी फिरता ही रहा है .
पूर्व मुख्य मंत्री ने अवगत कराया कि भोपाल लोकसभा क्षेत्र के विकास योजना 2031 तक के लिए मास्टर प्लान इसी वर्ष प्रकाशित होना है,इसका प्लानिंग एरिया भी ज्यादा है .भोपाल अब एक मेट्रोपोलिटन रीजन घोषित हो गया है और इस पर विधि विधाई से काम शुरू हो चूका है.मुख्य मंत्री मान कमलनाथ जी को धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करते हुए दिग्विजय सिंह जी ने भोपाल विकास पर कई निर्णयों के बारे में अवगत कराया . कमलनाथ सरकार की मध्य प्रदेश में मोहल्ला क्लीनिक परिकल्पना के आधार पर भोपाल में पाएलट प्रोजेक्ट आम जनता के लिए उचित स्वास्थ्य सेवाओं के साथ शुरू किया जायेगा ,इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भोपाल एजुकेशन हब बनने वाला है जहाँ की कोचिंग क्लास्सेस पूर्णत: सुरक्षित होंगी. 50 से 10 एकड़ पर प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनायेंगे .भारत में कोटा शिक्षा संस्थाओं के लिए सबसे आगे है . भोपाल इंदौर के बीच 6 लेन एक्सप्रेसवे होगा और बीच में कई सैटिलाईट टाउन विकसित किये जायेंगे .जल और तालाब के सरंक्षण के साथ भोपाल की जनता के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाये जायेंगे “.तालाब संरक्षण कैचमेंट प्रोटेक्शन एक्ट” लाने का निर्णय लिया जा चूका है इसके अंतर्गत कैचमेंट एरिया में नेचुरल उगे हुए पौधों को संरक्षित किया जायेगा और अतिक्रमण रोका जायेगा साथ ही ग्रेज़िंग को रोका जायेगा. नर्मदा जल का नल कनेक्शन निजी कॉलोनियों में भी दिया जायेगा . इनर रिंग रोड अभी अधूरी है जिसे पूरा किया जायेगा आउटर रिंग रोड मेट्रोपोलिटन रीजन को कवर करेगी जो की प्रस्तावित है .हवाई सेवाओं के विस्तार के साथ एयर कार्गो हब होगा .कलेक्टर गाइड लाइन की दरों को 20 प्रतिशत से कम किया गया है नगर निगम कोलोनाइजर से कालोनी टेकओवर करेगी ताकि बिजली पानी और साफ़ सफाई की व्यवस्था सुचारू रूप से हो सके .50 एकड़ भूमि ग्राम नाथू बरखेडा में अन्तराष्ट्रिय स्टेडियम ‘स्पोर्ट्स सिटी’ हेतु आरक्षित किया गया है .दिग्विजय सिंह जी ने जानकारी दी कि दिल्ली एन सी आर की तर्ज़ पर भोपाल और आस पास के सेटेलाइट टाउन सुनियोजित महानगर के रूप में विकसित होंगे . भोपाल विकास के लिए अभी कई एजेंसीज है मगर एक अथॉरिटी अर्बन डेवेलपमेंट बन जाने से सभी कार्य सिंगल विन्डो में आ जायेंगे
बतादें कि भोपाल मेट्रोपोलिटन रीजन.में विदिशा ,रायसेन ,सीहोर ,मंडीदीप और ओबैदुल्लागंज शामिल होंगे .1995 से 2005 के लिए भोपाल मास्टर प्लान तयार किया गया था जिसमे भविष्य के लिए भोपाल के मेट्रोपोलिटन शहर की परिकल्पना की गई थी जिसका श्रेय तत्कालीन अर्बन प्लानर और एडमिनिस्ट्रेटर स्व एम एन बुच को जाता है .