बच्चियों की सुरक्षा हेतु जहाँ मुख्य मंत्री कमलनाथ ने एक सेट-अप बनाने हेतु शाह से की 880 करोड़ रूपये की मांग वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भोपाल से शुरू किया सुरक्षा जागरूकता हेतु मोहल्ला समितियों का गठन.

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,महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे अपराध रोकने के उद्दयेश से सेट – अप बनाने के लिए केन्द्र से कमलनाथ ने की गुजारिश .

भोपाल 17/ 06/ 19 मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री ने केन्द्र में गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर महिलाओं और बच्चों पर बढ़ते अपराध रोकने के लिए एक सेट – अप बनाने की बात कही है ,इसके लिए 880 करोड़ रुपये के बजट की मांग की है .

मु मंत्री ने लिखा कि सेट- अप के लिए  जाँच उपकरणों की खरीद ,पुलिस  बल और डॉग स्क्वाड पुनर्गठन के लिए एक सेल का गठन करना होगा .टेकनिकली एक्सपर्ट ह्यूमन रिसोर्सेस की जरुरत होगी .

सूत्रों के अनुसार इस सेट – अप में जाँच अधिकारी ,कानूनी सलाहकार ,अभियोजक के अलावा डी एन ए लैब और मोबाइल फोरेंसिक टीम शामिल है. ज्ञात हो  कि कमलनाथ सरकार इन अपराधियों को दण्डित करने के लिए प्रतिबद्ध है .

बेटी बचाओ अभियान के तहत मानस भवन में शिवराज जी ने एक बैठक ली जिसमे यह निर्णय लिया गया कि बेटियों की सुरक्षा के लिए हर मोहल्ले में मोहल्ला समितियां बनाई जाएँगी साथ ही 7 जुलाई को भवानी चौक सोमवारा से पैदल मार्च निकाला जायेगा जिसमे भोपाल के हर घर से एक व्यक्ति को शामिल होना चाहिए .मानस भवन  में विभिन्न सामाजिक ,धार्मिक ,व्यापारिक संगठनों ने बेटिओं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए संकल्प लिया .शिवराजसिंह ने कहा कि मै यहाँ सरकार को कोसने नहीं आया हूँ बल्कि यह कहना चाहता हूँ कि समाज भी ऐसे संवेदनशील मामलों में अपनी जिम्मेदारी समझे .उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार थी उस समय दुष्कर्मियों को फांसी की सजा देने का कानून बना और 26 दरिंदों को फांसी की सज़ा सुनाई गई ,लेकिन अब तक एक को भी फांसी की सज़ा नहीं हुई .क्योकि प्रक्रिया लम्बी है .मंच पर मौजूद महापौर अलोक शर्मा ने शहर में चल रहे हुक्का लाउंज चलाने वाले लोगों से  चेतावनी देते हुए धंधा बंद करने के लिए कहा .बतादें कि18 तारीख को बेटी बचाओ अभियान के लिए स्मार्ट पार्किंग न्यू मार्केट में  कार्यालय की शुरुआत होगी .

 जानकारी IPC की  धारा 166-A

 —2012 के दिल्ली के निर्भया कांड के बाद फ़रवरी 2013 में सरकार ने  IPC की  धारा 166 में संशोधन कर धारा 166-A  कानून बनाया था .इसमें प्रावधान है कि महिला उत्पीड़न सम्बंधित मामलों की सुचना वह स्वयं या किसी अन्य के माध्यम से पुलिस को देती है तो पुलिस तुरंत केस दर्ज़ कर विवेचना शुरू करे .एफ आई आर नहीं करने वाले पुलिस कर्मी के खिलाफ 166-ए के तहत मामला दर्ज किया जाये .मगर पत्रिका डॉट कॉम के नीलेंद्र पटेल की रिपोर्ट  के अनुसार कमला नगर भोपाल के केस में पुलिस ने एफ आई आर करने से साफ़ मना कर दिया .बाद में सिर्फ निलंबन हुआ .पिछले कई केस में निलंबित किये गए सभी इंस्पेक्टर मन चाहे थानों ,दफ्तरों में पदस्थ हैं .