गरीब सवर्णों को आर्थिक आधार पर मोदी सरकार देगी 10 प्रतिशत आरक्षण

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लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार ने सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। यह आरक्षण सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आर्थिक आधार पर दिया जाएगा। आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को इसका फायदा मिलेगा। यह 10 प्रतिशत आरक्षण मौजूदा 49.5 प्रतिशत कोटे के अलावा होगा। आरक्षण लागू कराने के लिए सरकार को संविधान संशोधन विधेयक पारित कराना होगा। सरकार यह विधेयक मंगलवार को ही पेश कर सकती है।

आरक्षण की क्या हैं शर्तें

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, जिन लोगों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये सालाना से कम है उन्हें ही इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही इसके लिए शहर में 1000 स्क्वेयर फीट से छोटे मकान और 5 एकड़ से कम की कृषि भूमि की होना जरूरी होगा।

इन्हें मिलेगा लाभ-

-जिसकी सलाना इनकम 8 लाख रुपए या इससे कम है

-जिसके पास 5 एकड़ या उससे कम खेती जमीन है

-जिसका 1000 वर्ग फुट से कम जमीन पर मकान है

-कस्बों में 200 गज जमीन वालों को, शहरों में 100 गज जमीन वालों को

-राजपूत, भूमिहार, बनिया, जाट, गुर्जर को इस श्रेणी में आरक्षण मिलेगा

-आरक्षण शिक्षा (सरकार या प्राइवेट), सार्वजनिक रोजगार में इसका लाभ मिलेगा

-आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है

ये है आरक्षण का नया फॉर्म्युला

लंबे समय से आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण की मांग की जा रही थी। लिहाजा सूत्रों के मुताबिक आरक्षण का कोटा मौजूदा 49.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 59.5 प्रतिशत किया जाएगा। इसमें से 10 फीसदी कोटा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए होगा।

डगर नहीं आसान…

केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 फीसदी कोटे का प्रस्ताव तो पास कर दिया है, लेकिन इसे लागू करवाने की राह अभी काफी मुश्किल है। सरकार को इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा। इसके लिए उसे संसद में अन्य दलों के समर्थन की भी जरूरत होगी।