सरकार ने 1110 करोड़ में बेच दी 101 प्रॉपर्टी:MP के बाहर सरकार की कितनी प्रॉपर्टी, लोक परिसंपत्ति विभाग को पता नहीं

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मध्य प्रदेश सरकार पर वर्तमान में करीब पौने चार लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। सरकार का तर्क है कि यह कर्ज सीमा के अंदर लिया गया है। वहीं, विपक्ष का आरोप है कि सरकार प्रचार-प्रसार और अपनी सुविधाओं के लिए प्रदेश को कर्ज के गर्त में धकेल रही है। प्रति व्यक्ति 55 हजार रुपये का कर्ज प्रदेश के हर नागरिक पर है।

एक तरफ जहां सरकार लगातार कर्ज ले रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी संपत्तियां भी बेची जा रही हैं।

पिछले पांच सालों में 101 संपत्तियां बेची गईं

विधानसभा में जौरा विधायक पंकज उपाध्याय के सवाल के जवाब में बताया गया है कि पिछले पांच सालों में प्रदेश की 101 संपत्तियां 1,110 करोड़ रुपये में बेची गई हैं।

विधायक ने यह भी पूछा कि मध्य प्रदेश के बाहर कहां कितनी सरकारी संपत्ति है। इसके जवाब में बताया गया कि लोक परिसंपत्ति विभाग के रिकॉर्ड पोर्टल पर प्रदेश के बाहर की संपत्तियों का रिकॉर्ड दर्ज नहीं है।

देश के हर बड़े शहर में मध्य प्रदेश की संपत्तियां, सरकार छिपा रही जानकारी

जौरा के कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने कहा, “मैंने विधानसभा में प्रश्न लगाया था। उसके जवाब को देखकर एक बार फिर साबित हुआ है कि एमपी अजब है-गजब है। लोक परिसंपत्ति विभाग से पूछा था कि प्रदेश और प्रदेश के बाहर सरकार की कितनी संपत्ति है और सरकार ने कितनी संपत्ति बेची। उसका उत्तर आया और लोक परिसंपत्ति विभाग ने बताया कि हम प्रदेश के बाहर की सरकार की संपत्ति का रिकॉर्ड नहीं रखते। हम नहीं बता सकते कि दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, काशी और देश के अलग-अलग राज्यों में कहां कितनी संपत्ति है।”

वल्लभ भवन की आग में तो नहीं जलाया संपत्तियों का रिकॉर्ड

विधायक पंकज उपाध्याय ने कहा, “ये संपत्तियां या तो खुर्द-बुर्द कर बेच दी गई हैं या फिर वल्लभ भवन में जो आग लगती है, उसमें इन संपत्तियों का रिकॉर्ड जला दिया गया। हर बड़े शहर में मध्य प्रदेश सरकार की संपत्ति है। ये रिकॉर्ड छिपा रहे हैं। मात्र 1,100 करोड़ रुपए में इन्होंने 101 संपत्तियां बेच दी हैं। सरकार रोज 20-25 हजार करोड़ का लोन ले रही है। दूसरी तरफ हजार करोड़ रुपए के लिए 101 प्रॉपर्टीज बेच दीं। ये बहुत बड़ा धोखा है। सौ करोड़ की संपत्ति को दो करोड़ में बेचने का षड्यंत्र है। बेची गई संपत्तियां ऐसी हैं जो औने-पौने दामों पर अपने चहेतों को बेच दी गईं। आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी इस खेल को जनता के सामने लेकर आएगी।”

अब जानिए, किस जिले की कितनी सरकारी प्रॉपर्टी बेची गई

मुरैना जिले के पोरसा में रोडवेज बस स्टैंड की जमीन को चार साल पहले 16 करोड़ 11 लाख रुपए में बेचा गया था। इस जमीन पर नगर पालिका ने सुलभ कॉम्प्लेक्स, पाइप लाइन, फायर वाहन स्टेशन और बाउंड्रीवॉल बनाई थी।

इस जमीन के अलावा मुरैना बस डिपो की जमीन 67.35 करोड़ रुपए में बेची गई। तिलहन संघ प्रसंस्करण संयंत्र जरेरुआ की जमीन 2.49 करोड़ रुपए में बेची गई है।