भोपाल। आधार कार्ड चुराकर बैंक खाते खुलवाने वाले गिरोह का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सामने आया है। गिरोह के सदस्य अलग-अलग शहरों में जाकर जो बैंक खाते खुलवाते थे, उन्हें बिहार के एक साइबर ठग के माध्यम से चीन के एक मोबाइल एप कंपनी को बेचा जाता था। पुलिस ने 20 बैंक खातों को फ्रीज कर बड़ी राशि को होल्ड किया है। मंगलवार को इंदौर गई पुलिस की टीम वापस भोपाल पहुंचेगी, जिसके बाद ठगी से जुड़े नए खुलासे होंगे। साथ ही एक अन्य टीम बिहार के साइबर ठग को पकड़ने गया के लिए रवाना हुई है।
दो वर्ष पहले बनाया था गिरोह
डीसीपी जोन- 3 रियाज इकबाल ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड शशिकांत ने दो वर्ष पहले गिरोह खड़ा किया था। वह कर्ज में डूबे और बेरोजगार युवाओं की तलाश कर उन्हें नौकरी का झांसा देकर गिरोह से जोड़ता था। इस तरह उसके पास कुल 14 सदस्यों की टीम हो गई थी। झारखंड के आधारकार्ड चुराकर उनमें छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे और फिर हर शहर में गिरोह के सात सदस्यों को भेजा जाता था। उन्हें कम से कम 45-45 बैंक खाते खुलवाने का टार्गेट दिया जाता था। खाते आसानी से खुलवाए जा सकें, इसलिए वे बैंक में चार से पांच हजार रुपये जमा भी करते थे।
पुलिस को यह भी शक
गिरोह के सरगना शशिकांत कुमार ने पुलिस से पूछताछ में गिरोह बनाने से लेकर खाते खुलवाने की पूरी जानकारी दी है। पुलिस को आशंका है कि चीन से संचालित हो रहे जिस एप को ये खाते उपलब्ध कराए जाते थे, वह ठगी और ब्लैकमेलिंग के अंतरराष्ट्रीय कारोबार से जुड़ी है।
मुंबई, अहमदाबाद और इंदौर में खाते खुलवाकर पहुंचे थे भोपाल
पुलिस ने जांच में पाया कि भोपाल से पहले ठग मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद और दिल्ली समेत करीब पांच राज्यों में बैंक खाते खुलवा चुके थे। उन्होंने इंदौर में 400 बैंक खाते खुलवाए थे, जिसके बाद वे भोपाल पहुंचे और विभिन्न बैंकों में 130 खाते खुलवाए थे। राजधानी में खोले गए सभी बैंक खातों में अब तक करीब पांच लाख रुपये के हिसाब की जानकारी मिली है।
जिन बैंकों में खाते खुले, उनके अधिकारियों की बैठक लेंगे पुलिस आयुक्त
फर्जी दस्तावेंजों का उपयोग कर बैंक खाते खुलने के मामले में भोपाल पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्र ने सख्त तेवर अपनाए हैं। राजधानी के जिन बैंकों में दूसरों के आधार कार्ड से छेड़छाड़ कर फर्जी दस्तावेजों से बैंक खाते खोले गए थे। पुलिस आयुक्त उनके उच्च अधिकारियों की बैठक लेंगे। इसके साथ ही फर्जी दस्तावेजों पर सिम बेचने वाले टेलीकॉम आपरेटर कंपनियों के अधिकारियों को बुलाया जाएगा। मिश्र ने बताया कि फर्जी दस्तावेज व फर्जी सिम के माध्यम से खाते खुलना बैंकों की बड़ी चूक है।
फर्जीवाड़े में किसकी क्या भूमिका
- -शशिकांत कुमार उर्फ मनीष पिता सतीश प्रसाद उम्र 26 साल निवासी ग्राम पचेतन थाना स्थावा जिला नालंदा बिहार। 12वी पास, गिरोह का सरगना। फर्जी आधार एवं पेन कार्ड तैयार करना खातो को आगे बेचना।
- -सपना उर्फ साधना पिता अनुजा पान (ताती) उम्र 21 साल निवासी खेमनीचक थाना हनुमाननगर पटना बिहार। 12वी पास, फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना
- -अंकित कुमार साहू उर्फ सुनील पिता राजू साहू उम्र 20 साल निवासी मोदनगंज थाना घोसी जिला जहानाबाद बिहार। 12वीं पास, फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना
- -कौशल माली उर्फ पंकज पिता आनंदी भगत उम्र 19 साल निवासी ग्राम मोदनगंज थाना घोसी जिला जहानाबाद बिहार। 10वीं पास, फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना
- -रोशन कुमार पिता गरिबन साव उम्र 20 साल निवासी चुटकिया बाजार थाना मसलामी जिला पटना बिहार। 10 वी पास फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना
- -रंजन कुमार उर्फ विनोद पिता मुन्ना साव उम्र 19 साल निवासी ग्राम छोटी मंदिर माधवमिल थाना मसलामी जिला पटना बिहार। 5वीं पास, फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना
- -मोहम्मद टीटू उर्फ विजय पिता मोहम्मद मोईन उम्र 18 साल निवासी गुलजार बाग थाना मेंहदीगंज जिला पटना बिहार। चौथी पास, फर्जी आधार पेन कार्ड पर सिमकार्ड लेकर बैंक में खाता खुलवाना।
बिहार पुलिस से संपर्क ही नहीं किया
मध्य प्रदेश की भोपाल पुलिस ने साइबर ठगों की मदद करने वाले गिरोह के जिन सात सदस्यों को चार दिन पहले गिरफ्तार किया है, उनके रिकॉर्ड बिहार पुलिस को नहीं मिल रहे हैं। नालंदा के साइबर डीएसपी ज्योति शंकर मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लेकर उसका पता व पृष्ठभूमि पता कर रहे हैं, परंतु उन्हें किसी थाने में इस नाम के किसी व्यक्ति के बारे में पता नहीं चल सका है।
उन्होंने कहा कि भोपाल पुलिस ने अभी तक आरोपितों के संबंध में जानकारी जुटाने को संपर्क भी नहीं किया है। जहानाबाद एसडीपीओ राजीव सिंह ने भी बताया कि भोपाल पुलिस ने अभी तक आरोपितों के बारे में पता करने को संपर्क नहीं किया है। पटना एसएसपी राजीव मिश्रा ने कहा कि उनसे भोपाल पुलिस ने संपर्क नहीं किया है। वहां से पुलिस टीम आएगी तो सहयोग किया जाएगा।