कोरबा। बाल विवाह मुक्त छतीसगढ व बाल हितैशी राज्य बनाने हेतु राज्य से प्राप्त निर्देशों के पालन में कलेक्टर सह अध्यक्ष बालक कल्याण एवं संरक्षण समिति कोरबा के निर्देशानुसार रेणु प्रकाश, जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा के मार्गदर्शन में शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय सिंचाई कॉलोनी दर्री के छात्र छात्राओं को एक युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान तथा चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 में बच्चो के शोषण, अधिकारों के हनन के संबंध किशोर न्याय अधिनियम, पाक्सो एक्ट, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, बाल अपराधों की जानकारी प्रदान की गई।
गौरतलब है कि बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा के साथ ही साथ कानूनन अपराध है। 18 वर्ष के पूर्व लड़की तथा 21 वर्ष के पूर्व लड़के का विवाह करना बाल विवाह की श्रेणी में आता है। बडे पैमाने पर कतिपय क्षेत्रों में बाल विवाह की घटनाएं देखने में आती है। बाल विवाह जैसी घटनाओं की समय पर रोकथाम हेतु शासन द्वारा समय समय पर निर्देश जारी किए गए हैं। उपरोक्त निर्देशों के पालन में कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशानुसार जिले में बाल विवाह की रोकथाम हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सभी गणमान्य नागरिकों, समाज प्रमुखों, धार्मिक व वैवाहिक अनुष्ठान को संपन्न कराने वाले धार्मिक सेवा प्रदाता, टेंट हाउस, डीजे बैंड बाजा, प्रिंटिंग प्रेस संचालकों तथा आमजनों से बिना आयु प्रमाण पत्र के वैवाहिक कार्यक्रम में सेवाएं प्रदान नहीं करने की अपील की गई है। बाल विवाह पर प्रभावी रोकथाम के लिए सभी अपना सहयोग प्रदान करें, जिससे जिले में बाल विवाह जैसी कुप्रथा को समाप्त किया जा सके और जिले में बच्चां के देखरख एवं संरक्षण को सुनिश्चित किया जा सके। उपरोक्त अपील साथ ही जिले में बाल विवाह जैसी घटनाएं घटित न हो इस हेतु जिला स्तर तथा विकासखण्ड व परियोजना स्तर पर टीम निरंतर सतर्क रहती है