मध्यप्रदेश में 19 अगस्त से भारी बारिश का दौर शुरू होगा। दो पूर्वी और उत्तरी हिस्सा भीगेगा, जबकि 21-22 अगस्त को अति भारी बारिश हो सकती है। बंगाल की खाड़ी में सिस्टम एक्टिव होने से ऐसा होगा। हालांकि, इससे पहले भी प्रदेश में बारिश जारी रहेगी। शनिवार को पन्ना, सतना, अनूपपुर, देवास, बैतूल, छिंदवाड़ा और सिवनी में तेज बारिश हो सकती है।
आईएमडी भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि मध्य भारत के कई हिस्सों में अभी बादल है। वहीं, उत्तरी बंगाल की खाड़ी में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव था। वह अब और भी प्रभावशाली होकर लो प्रेशर एरिया में बदल गया है। एक अन्य साइक्लोनिक सर्कुलेशन भी एक्टिव है।
मानसून ट्रफ मध्यप्रदेश के उत्तरी हिस्से से गुजर रही है। इस वजह से प्रदेश में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है। लो प्रेशर एरिया का मूवमेंट उत्तर और दक्षिण हिस्से में ज्यादा रहेगा।
20 अगस्त से भारी बारिश का दौर
मौसम विभाग के मुताबिक- 19 अगस्त से बंगाल की खाड़ी में फिर से सिस्टम एक्टिव हो रहा है। इस वजह से रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में दो दिन तक बारिश होगी। 20 अगस्त से भारी बारिश का दौर पूरे प्रदेश में रहेगा। 21 और 22 अगस्त को अति भारी बारिश हो सकती है।
प्रदेश में हल्की बारिश
इससे पहले शुक्रवार को प्रदेश में हल्की बारिश का दौर रहा। गुना, इंदौर, रतलाम, जबलपुर, खजुराहो, नौगांव, सिवनी, उमरिया, बालाघाट के मलाजखंड में हल्की बारिश दर्ज की गई।
फिर बढ़ा डैम में पानी
तेज बारिश होने से डैम और तालाब छलक उठे हैं, जबकि नदियां उफान पर आ गईं। शुक्रवार को भी प्रदेश के डैमों में पानी की आमद हुई। खासकर पूर्वी हिस्से के डैमों में।
प्रदेश के सभी डैमों में 80 प्रतिशत तक पानी आ चुका है। इस कारण उनके गेट खोलने पड़े हैं। इनमें कोलार, बाणसागर, कुंडालिया, बरगी, इंदिरा सागर, ओंकारेश्वर, कलियासोत, भदभदा, केरवा समेत अन्य डैम भी शामिल हैं।
सबसे ज्यादा बारिश के टॉप-5 में मंडला अव्वल
प्रदेश में अब तक औसत 28.3 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की कुल 75 प्रतिशत है। सबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-5 जिलों में मंडला अव्वल है। यहां अब तक 41.7 इंच से अधिक बारिश हो चुकी है। दूसरे नंबर पर सिवनी, श्योपुर, नर्मदापुरम आदि जिले हैं।
बता दें कि अब तक हुई बारिश में जबलपुर, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग सबसे आगे हैं। जबलपुर संभाग के सभी जिलों में अच्छी बारिश हो चुकी है। भोपाल में 33 इंच से अधिक पानी गिर चुका है, जो सामान्य बारिश का करीब 90% है। सीजन की बारिश में 4 इंच पानी की और जरूरत है।