भारतीय हिंदी सिनेमा के पहले सुपरस्टार और बॉक्स ऑफिस पर सबसे सफल एक्टर राजेश खन्ना के हम सभी मुरीद हैं। 1960 और 1970 के दशक में उनकी तूती बोलती थी। उनकी फिल्में रिलीज होती थीं तो लगता था जैसे कोई उत्सव हो। काका की एक झलक देखने के लिए फैंस विदेशों से भारत आते थे। लड़कियां उनकी कार की धूल को मांग में सिंदूर की तरह लगाती थीं। लेकिन यह बात भी जगजाहिर है कि 70 के दशक में ही ‘एंग्री यंग मैन’ अमिताभ बच्चन के उदय ने जहां बॉलीवुड को नया सुपरस्टार दिया, वहीं राजेश खन्ना का करियर ढलान पर चला गया। राजेश खन्ना इससे बेहद दुखी हो गए थे। उनकी फिल्में फ्लॉप होने लगीं, लेकिन उन्होंने अपना स्टाइल बदलने से इनकार कर दिया। जगजाहिर रहा है वह अमिताभ बच्चन से तल्खी रखते थे। इतनी कि वह पीठ पीछे उनकी बेइज्जती किया करते थे। उन्हें फिल्म के सेट पर इग्नोर करते थे। तब जया बच्चन ने गुस्से में भविष्यवाणी की थी कि एक दिन ऐसा आएगा जब वह कुछ भी नहीं रहेंगे।