जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए चुनाव आयोग आज केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला के साथ बैठक करेगा।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 20 अगस्त तक हो सकता है। माना जा रहा है कि अक्टूबर से लेकर नवंबर के पहले हफ्ते के बीच 6 फेज में वोटिंग होगी। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव होगा।
9 अगस्त को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अपनी टीम के साथ जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। उन्होंने कहा था कि आयोग यहां जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी बाहरी और आंतरिक ताकत चुनावी प्रक्रिया को पटरी से नहीं उतार सकती। जम्मू-कश्मीर के लोग देश को तोड़ने वालीं ताकतों को करारा जवाब देंगे।
जम्मू-कश्मीर के अलावा इस साल महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में भी विधानसभा चुनाव होने है। ऐसे में संभव है कि चुनाव आयोग इन राज्यों के लिए भी चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने का निर्देश
11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था। कोर्ट का ये निर्देश जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसले का हिस्सा था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा जितना जल्दी हो सके दिया जाए और वहां पर चुनाव कराए जाएं। जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द स्टेटहुड वापस किया जाए। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश (UT) बनाने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा था।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा था- पहले परिसीमन फिर विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर के LG मनोज सिन्हा ने 11 अगस्त को कहा था- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में जो कहा था कि पहले परिसीमन होगा, फिर विधानसभा चुनाव और फिर उचित समय पर राज्य का दर्जा मिलेगा। सारी चीजें उसी क्रम में चल रही हैं।
उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी 20 जून को श्रीनगर आए थे। तब उन्होंने जल्द चुनाव होने की घोषणा की थी। चुनाव आयोग की एक टीम ने यहां का दौरा किया है। लोगों से मुलाकात की है।
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 2019 में चुनाव हुए थे। बीजेपी 106 विधायकों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी। मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना और बीजेपी गठबंधन में बात नहीं बन पाई।
56 विधायकों वाली शिवसेना ने 44 विधायकों वाली कांग्रेस और 53 विधायकों वाली NCP के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी बनाकर सरकार बनाई। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने।
मई 2022 महाराष्ट्र सरकार में नगर विकास मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत कर दी। वह बीजेपी के साथ मिल गए। 30 जून 2022 को एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। इसके साथ ही शिवसेना पार्टी दो गुटों में बंट गई। एक धड़ा शिंदे गुट और दूसरा उद्धव गुट का बना।
17 फरवरी, 2023 को चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ एकनाथ शिंदे गुट के पास रहेगा। 2 जुलाई 2023 को अजित पवार NCP के 8 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हुए थे। गठबंधन सरकार में अजित को डिप्टी CM बनाया गया था।
हरियाणा में 2019 में पिछले विधानसभा चुनाव हुए थे। जिसमें भाजपा को 41 और जजपा को 10 सीट मिली थीं। 6 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक के साथ भाजपा ने सरकार बनाई। मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि वह पांच साल कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।
12 मार्च 2024 को जजपा और भाजपा का गठबंधन टूट गया। मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी को विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया। इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दावा किया कि उनके पास 48 विधायकों का समर्थन है। मीटिंग में भाजपा के 41 और 7 निर्दलीय विधायक शामिल हुए थे यानी 48। विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 46 विधायकों का सपोर्ट चाहिए था।
लोकसभा चुनाव 2024 में मनोहर लाल खट्टर करनाल सीट से चुनाव लड़े। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा को 2,32,577 वोटों से हराया। मोदी 3.0 सरकार में खट्टर को शहरी विकास मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
राज्य की 81 सदस्यों वाली विधानसभा में 2019 में चुनाव हुए थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गठबंधन के साथ सरकार बनाई। 81 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 43 विधायकों की जरूरत होती है।
गठबंधन के पास 48 विधायक हैं। झामुमो के 29, कांग्रेस के 17, राजद का एक और CPI(ML) का एक MLA है। हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री बने।
31 जनवरी को झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन जमीन घोटाले में गिरफ्तार हुए। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाया गया।
28 जून को झारखंड हाईकोर्ट ने हेमंत सोरेन को जमानत दी थी। इसके बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था। 4 जुलाई को हेमंत ने तीसरी बार झारखंड के सीएम पद की शपथ ली थी।