प्रत्येक सहकारी कर्मचारी को प्रशिक्षण देने के निर्देश

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सहकारिता मंत्री डॉ गोविन्द सिंह ने आज राज्य सहकारी संघ के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये हैं कि प्रदेश में कार्यरत 40 हजार सहकारी संस्थाओं के प्रत्येक कर्मचारी और संचालक मंडल के सदस्यों को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण दिलाया जाए। इसके लिए सहकारी संघ द्वारा राज्य स्तर के साथ ही संभाग एवं जिला स्तर पर भी प्रशिक्षण केन्द्र विकसित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शेष 14 जिलों में भी सहकारी संघों के गठन की कार्रवाई की जाए।
सहकारिता मंत्री ने सहकारी संघों की परिसंपत्तियों का विकास कर अतिरिक्त आय के लिए योजनाबद्ध प्रयास किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भोपाल में त्रिलंगा स्थिति राज्य सहकारी संघ के परिसर को पीपीटी मॉडल के रूप में विकसित कर वहाँ प्रशिक्षण केन्द्र-सह-शॉपिंग कॉम्प्लेक्स विकसित करने की योजना बनाएं। इंदौर में किला मैदान स्थित सहकारी संघ की संपत्ति पर उच्च स्तरीय सहकारी शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान बनाने का प्रस्ताव भी तैयार करे। साथ ही जबलपुर, भोपाल तथा नौगांव के सहकारी प्रशिक्षण केन्द्रों को विकसित करें। इसके अलावा, जिन जिला सहकारी संघों के पास जमीन है, वहाँ भी प्रशिक्षण केन्द्र-सह-वाणिज्यिक केन्द्र विकसित करने पर विचार करें। मंत्री डॉ. सिंह ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे गुना जिले की सहकारी समितियों के सेल्स मेन के तीन दिवसीय प्रशिक्षण का अवलोकन भी किया।
बैठक में बताया गया कि सहकारी संघ द्वाया सहकारिता संबंधी विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान किए जाते हैं। अब संघ द्वारा ऑन लाइन प्रशिक्षण दिए जाने की योजना भी बनाई गई है। राज्य सहकारी संघ देश का ऐसा प्रथम सहकारी संघ है, जिसे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत सहकारिता के क्षेत्र में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण के लिए एनएसडीसी के पार्टनर के रूप में चुना गया है।
बैठक में राज्य सहकारी संघ के प्रभारी प्रबंध संचालक श्री रितु रंजन, संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री अरविन्द सेंगर, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्रीमती कृति सक्सेना और श्री हितेन्द्र बाघेला भी उपस्थित थे।