सुकमा. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा (Sukma) में धान (Paddy) को लेकर जिला प्रशासन ने काफी सख्ती अपना रखी है. सीमावर्ती इलाकों से धान परिवहन करने पर कार्रवाई की जा रही है. साथ ही साप्ताहिक बाजारों में चिल्हर धान खरीदी (Paddy Purchase) पर भी मौखिक रोक लगा दी गई है. जिसके बाद गल्ले के व्यपारियों में काफी रोष देखा जा रहा है. सुकमा (Sukma) के कोर्रा, पुसपाल और छिन्दगढ़ साप्ताहिक बाजारों में गल्ले के व्यापारियों ने विरोध में बुधवार को दुकानें नहीं लगाई. उनकी मांग है कि बाजारों में उन्हें धान खरीदने दिया जाए. अन्यथा शासन वहां पर दुकान लगाकर धान खरीदे. परेशान ग्रामीणों ने आज बाजार में ही धान फेंक दिया.
सुकमा (Sukma) में गल्ला व्यापारियों की दुकानें नहीं लगने के कारण ग्रामीण भी काफी परेशान दिखे. आज जिले के पुसपाल, कोर्रा व छिन्दगढ़ साप्ताहिक बाजारों में गल्ले के व्यापारियों ने दुकाने नहीं लगाई और जिले के व्यापारी छिन्दगढ़ बाजार में एकत्रित हुए. दुकाने नहीं लगाने के पीछे व्यापारियों ने बताया कि शासन ने साप्ताहिक बाजारों में भी धान खरीदी करने से मना किया है जो गलत है. क्योंकि रोजमर्रा सामान के लिए ग्रामीण बाजार आते हैं और धान या अन्य वनोपज बेचकर समान लेकर वापस जाते है.
व्यापारी परेशान हो रहे हैं
व्यापारी कल्लू सिंह राठौर, मुरलीधर गुप्ता व डुंगर सिंह भाटी ने बताया कि प्रशासन के मना करने के बाद धान खरीदारी नहीं की जा रही है, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा व्यापारियों पर निकल रहा है. साथ ही गल्ला व्यापरियों के दुकाने नहीं लगाने पर ग्रामीण भी परेशान है. इसके विरोध में कुछ ग्रामीण धान को बाजार में ही फेककर चले गए.