नई दिल्ली । सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक अपने ऐप्स पर रिवेंज पोर्न को रोकने और हटाने के लिए सालों से टूल पर काम कर रहा है, लेकिन कंपनी ऐसी तस्वीरों को शेयर करने की कोशिश करने वालों पर लगाम लगाने में नाकाम रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक, जो पॉपुलर ऐप्स इंस्टाग्राम, मैसेंजर और वॉट्सऐप का भी मालिक है, उसे हर महीने रिवेंज पोर्न की लगभग 5,00,000 रिपोर्ट्स का आकलन करना पड़ता है। दुनिया के सबसे बड़े सोशल नेटवर्क फेसबुक ने इस साल की शुरुआत में एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल लॉन्च किया था, जो यूजर के रिपोर्ट करने से पहले ही रिवेंज पोर्न को स्पॉट कर सकता है। इसे नॉनकनसेंसुअल इंटीमेट इमेजेज के नाम से भी जाना जाता है। साल 2017 में कंपनी ने एक पायलट प्रोग्राम भी लॉन्च किया था। इस प्रोग्राम के तहत फेसबुक ने यूजर्स से अपनी इंटीमेट फोटोज कंपनी को देने के लिए कहा था, ताकि कंपनी ऐसी तस्वीरों को भविष्य में सोशल नेटवर्क पर फैलने से रोक सके।
हालांकि, फेसबुक के राधा प्लंब ने बताया कि पायलट का शुरुआती स्पष्टीकरण पर्याप्त रूप से स्पष्ट नहीं था और नकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद कंपनी ने 2018 में एक रिसर्च प्रोग्राम शुरू किया। ये प्रोग्राम इसलिए शुरू किया गया ताकि ये पता लगाया जा सके कि रिवेंज पोर्न को कैसे रोका जा सकता है और पीड़ितों की कैसे मदद की जा सकती है। फेसबुक में प्रोडक्ट पॉलिसी रिसर्च के हेड प्लंब ने बताया कि लोगों की फोटोज सोशल नेटवर्क में शेयर होने के एक्सपीरियंस को सुनने के बाद प्रोडक्ट टीम इस बात को पता लगाने की कोशिश में थी कि हम ऐसा क्या कर सकते हैं जो केवल रिपोर्ट्स पर रिप्लाई करने से बेहतर हो। रिपोर्ट्स के मुताबिक कंटेंट मॉडरेटर्स को छोड़कर फेसबुक के पास अब 25 लोगों की टीम है जो इंटीमेट फोटोज और वीडियोज के नॉनकनसेंसुअल शेयरिंग को रोकने के लिए बनाई गई है।