महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे आए तीन हफ्तों से ज्यादा वक्त गुजर गया है, लेकिन सरकार गठन की तस्वीर अबतक साफ नहीं हो पाई है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने को तैयार दिख रही है, लेकिन एनसीपी और कांग्रेस का आपसी समीकरण अबतक ट्रैक पर नहीं आ पाया है. कांग्रेस नेताओं के बयान भी इस ओर इशारा कर रहे हैं.
चव्हाण का इशारा क्या है?
रविवार को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बेहद सधे शब्दों में कहा कि हम ये समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक साथ आ सकते हैं या नहीं. चव्हाण ने कहा है कि सोमवार को शिवसेना और कांग्रेस नेताओं की एक बैठक है. चव्हाण के मुताबिक इस बैठक में ये तय किया जाएगा कि दोनों पार्टियां एक साथ आगे बढ़ सकती भी हैं या नहीं.
चव्हाण दिल्ली में सोमवार को प्रस्तावित एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की मुलाकात का जिक्र कर रहे थे. लेकिन सरकार गठन की इतनी कोशिशों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का ऐसा बयान इस संभावित गठबंधन पर सवाल खड़े करता है. बता दें कि सोमवार शाम 4 बजे सोनिया गांधी और शरद पवार एक बार फिर से मिल रहे हैं. इस मुलाकात में गठबंधन की शर्तों, स्वरूप और इसके आकार पर एक बार फिर से चर्चा होगी.
कांग्रेस-एनसीपी नेताओं के बयान से भी इस मुलाकात की अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है. चव्हाण के अलावा एनसीपी नेता नवाब मलिक ने भी रविवार को कहा है कि शरद पवार और सोनिया गांधी सोमवार को मिलेंगे और एक वैकल्पिक सरकार बनाने की संभावनाओं पर चर्चा करेंगे. यानी कि एनसीपी-कांग्रेस के बीच इतनी मुलाकातों और चर्चाओं के बाद भी अबतक सरकार गठन की संभावनाएं ही तलाशी जा रही हैं.
दिसंबर तक डेडलाइन खींच ले गए राउत
इधर शिवसेना नेता संजय राउत भी राज्य में नवंबर में सरकार बनती नहीं देख पा रहे हैं. उन्होंने खुद कहा है कि अलग-अलग विचारधारा की पार्टियों को एक साथ आने में वक्त लग रहा है, इसलिए सरकार बनाने में देरी हो रही है. उन्होंने दावा किया कि राज्य में दिसंबर तक सरकार बनेगी. राउत ने दावा किया कि दिसंबर में 170 विधायकों के समर्थन से शिवसेना, NCP और कांग्रेस की सरकार बनेगी. राउत ने कहा, 'दिसंबर के पहले हफ्ते में महाराष्ट्र में सरकार बन जाएगी, बीजेपी ने हमें धोखा दिया है, जो सबके सामने कहा था अब उस से मुकर गए हैं, महाराष्ट्र में अब नेता तो क्या जनता भी बीजेपी के साथ नहीं है.'
स्थिर सरकार है प्राथमिकता-एनसीपी
बता दें कि रविवार को एनसीपी कोर कमेटी की बैठक हुई थी. इस बैठक में शिवसेना को समर्थन से जुड़े तमाम पहलुओं पर चर्चा हुई. इस बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दावा किया कि चुनाव पूर्व बीजेपी से जुड़ने वाले कई विधायक एक बार फिर से पार्टी के संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि मेरिट के आधार पर ऐसे नेताओं को एनसीपी में वापस लिया जा सकता है.
एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी इस बात पर जोर दिया कि सरकार बनाने में कुछ वक्त लग सकता है क्योंकि एनसीपी की पहली प्राथमिकता स्थिर सरकार बनाने की है. खुद शरद पवार भी सरकार गठन में वक्त लगने की बात कह चुके हैं.
यानी संजय राउत और जयंत पाटिल के बयानों से जहां यह साफ लग रहा है कि सरकार गठन होने जा रहा है, लेकिन इसमें वक्त लगने वाली है. जबकि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज का बयान अब भी कांग्रेस के पशोपेश को जाहिर कर रहा है.