नई दिल्ली । दिल्ली में 4 से 15 नवंबर तक ऑड-ईवन स्कीम के दौरान कुल 4885 चालान हुए। यह 2016 के मुकाबले काफी कम है। जनवरी 2016 में पहली बार ऑड-ईवन लागू हुआ था। उस समय 10 हजार से ज्यादा चालान किए गए थे। जबकि उसी साल अप्रैल में लागू ऑड-ईवन के दौरान भी करीब 8 हजार चालान हुए थे। लेकिन इस बार चालान की संख्या कम रही है। दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि इस बार लोगों ने ऑड-ईवन का काफी समर्थन किया है। ऑड-ईवन की समय-सीमा को बढ़ाने के बारे में सरकार कल अंतिम फैसला लेगी। हालांकि शनिवार से मौसम में सुधार आ रहा है। अगर हवा साफ होती है तो फिर ऑड-ईवन को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले कहा था कि वे ऑड-ईवन योजना की समय-सीमा बेवजह नहीं बढ़ाना चाहते। वायु की गुणवत्ता देखी जाएगी। 1 से 15 जनवरी 2016 में पहली बार ऑड-ईवन लागू किया गया था। उस समय 10058 चालान किए गए थे। 2019 के ऑड-ईवन में कुल 4885 चालान किए गए हैं। इस बार ऑड-ईवन 9 दिन लागू हुआ है। ट्रैफिक पुलिस ने सबसे ज्यादा 2875 चालान, जबकि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की टीमों ने 1256 और रेवेन्यू डिपार्टमेंट की टीमों ने 754 चालान किए हैं। इस बार जुर्माने की राशि दोगुनी कर 4 हजार कर दी गई थी।
दोबारा लागू किया तो सड़कों पर उतरेंगे: विजय
पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने ऑड-ईवन सिस्टम को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह दिल्ली के लोगों के साथ धोखा है। ऑड-ईवन लागू करने के बाद भी एयर क्वॉलिटी में कोई सुधार नहीं है। वह पहले से ही इस सिस्टम का विरोध करते रहे हैं और अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी उनकी बातों पर मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली सरकार दोबारा ऑड-ईवन सिस्टम लागू करती है, तो वह लोगों के साथ इसका जबरदस्त विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की बात कोई नई नहीं है। पिछले 30 सालों से पराली जलाई जा रही है और जिन राज्यों में पराली जलाने की बात दिल्ली सरकार कह रही है, वहां तो इससे प्रदूषण नहीं है। फिर, पराली जलने से दिल्ली में प्रदूषण कैसे हो गया? दिल्ली सरकार ने यहां प्रदूषण कम करने के लिए ऑड-ईवन सिस्टम लागू किया, लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं हुआ।