संसद के सोमवार से शुरू हो रहे सत्र में नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख और सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला शामिल नहीं हो सकेंगे। पीएसए के तहत श्रीनगर स्थित आवास में निरुद्ध नेकां नेता को संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति नहीं मिली है। रविवार को दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक में नेकां सांसद जस्टिस हसनैन मसूदी तथा अन्य पार्टियों के नेताओं ने इस मुद्दे को उठाते हुए उन्हें संसद में भाग लेने की अनुमति देने की मांग रखी। पीडीपी ने अभी संसद सत्र में भाग लेने पर फैसला नहीं किया है। मसूदी ने बताया कि पार्टी के एक अन्य सांसद मोहम्मद अकबर लोन सोमवार को दिल्ली पहुंचेंगे। इसके बाद रणनीति तय की जाएगी कि संसद सत्र में भाग लेना है या नहीं। उन्हें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति देने की आवाज बुलंद की जाएगी। कहा कि फारूक अब्दुल्ला निर्वाचित जन प्रतिनिधि हैं। श्रीनगर की जनता का यह अधिकार है कि उनकी बात उनके सांसद संसद में उठाएं। जनता के साथ-साथ सांसद को भी उनके अधिकार से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।
उधर, लेफ्टिनेंट गवर्नर जीसी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने पर पार्टी से निकाले गए पीडीपी के राज्यसभा सदस्य नजीर अहमद लावे ने बताया कि वह संसद सत्र में हिस्सा लेंगे। ऐसी कोई बाध्यता नहीं है कि वह सत्र में भाग न लें सकें। अब यह पीडीपी को तय करना है कि वह मामले में क्या स्टैंड लेती है।
राज्यसभा में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बिल की प्रति फाड़कर लावे सुर्खियों में आए थे। एक अन्य राज्यसभा सदस्य फैय्याज मोहम्मद मीर के संसद सत्र में शामिल होने पर भी संशय है। पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल सदस्यों के संसद सत्र में भाग लेने पर कोई फैसला नहीं किया गया है।
भाजपा के दो सांसद हुए रवाना
भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा तथा राज्यसभा सदस्य डॉ. शमशेर सिंह मन्हास भी सत्र में भाग लेने के लिए रवाना हो गए हैं। उधमपुर के सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह तथा कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य गुलाम नबी आजाद पहले से दिल्ली में हैं।