महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इसके बाद राष्ट्रपति ने भी इस सिफारिश पर मुहर लगा दी। वहीं, शिवसेना ने आज सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब तक का अपडेट- महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा, राष्ट्रपति ने कैबिनेट की सिफारिश को दी मंजूरी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी जहां पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद कोई भी दल सरकार नहीं बना पाया।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा- महाराष्ट्र के राज्यपाल का विचार था कि चुनाव नतीजे आने के 15 दिन बाद भी कोई दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है, इसलिए राष्ट्रपति शास ही सबसे सही विकल्प है।
कांग्रेस नेता मुंबई पहुंचे
एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बातचीत करने कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल मुंबई पहुंचे।
सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना
राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की खबर के बाद शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है। शिवसेना का कहना है कि राज्यपाल ने सरकार बनाने की समयसीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया है। शिवसेना ने अतिरिक्त समय न देने के राज्यपाल के निर्णय को असंवैधानिक, अनुचित और दुर्भावनापूर्ण करार दिया।
दरअसल, आज शाम 8:30 बजे तक राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने का दावा पेश करने का समय दिया था। उद्धव ठाकरे ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से इस बाबत संपर्क भी किया है। वहीं एनसीपी ने वैकल्पिक सरकार के गठन के वास्ते शरद पवार को अधिकृत कर दिया है। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि कांग्रेस के नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल शाम पांच बजे शरद पवार से मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार गठन पर चर्चा के लिए पवार की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। एक सवाल के जवाब में नवाब मलिक ने कहा कि राजभवन की ओर से कहा गया है कि राष्ट्रपति शासन की सिफारिश या निर्णय नहीं लिया गया है।
पीएम मोदी ने बुलाई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक
ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई जिसमें महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की राज्यपाल की सिफारिश को मंजूरी दे दी गई। इसके बाद वह ब्राजील के लिए रवाना हो गए। पहले ऐसी अटकलें थीं कि यदि नियत समय के भीतर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को समर्थन पत्र नहीं सौंपती है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
सोनिया ने पवार से बात की, खड़गे समेत वरिष्ठ नेता जाएंगे मुंबई
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बातचीत की और महाराष्ट्र में सरकार गठन के मुद्दे पर आगे की चर्चा के लिए पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं को अधिकृत किया। कांग्रेस नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल राकांपा प्रमुख शरद पवार के साथ विचारविमर्श करने के लिए शाम तक मुंबई के लिए रवाना होंगे।
इससे पहले, सोनिया ने आज सुबह फोन पर पवार के साथ बात की और अपने पार्टी नेताओं से कहा कि वे मुंबई जा कर एनसीपी प्रमुख से मिलें। वेणुगोपाल ने ट्वीट किया ‘कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज सुबह शरद पवार से बात की और अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे तथा मुझे पवार के साथ आगे की चर्चा करने के लिए अधिकृत किया।’ उन्होंने आगे कहा कि हम तीनों मुंबई जा रहे हैं और पवार से यथाशीघ्र मुलाकात करेंगे।
इससे पहले, सोनिया ने पार्टी की कोर टीम के सदस्यों ए के एंटनी तथा वेणुगोपाल के साथ अपने आवास पर विचारविमर्श किया। समझा जाता है कि अहमद पटेल ने भी सरकार गठन से जुड़े समीकरणों पर एनसीपी के साथ चर्चा की। इससे पहले खड़गे ने कहा था कि पार्टी नेतृत्व पवार से संपर्क बनाए हुए है और महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर एनसीपी के साथ आगे की बातचीत चल रही है।
भाजपा या शिवसेना को नहीं देंगे समर्थन
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी से जब पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी शिवसेना को समर्थन देगी तो उन्होंने कहा, हमारा रुख साफ है। शिवसेना और भाजपा में कोई फर्क नहीं है। हम भाजपा या शिवसेना को समर्थन नहीं देंगे। कांग्रेस भी अपना असली चेहरा दिखा रही है।
किसने कहा कि कांग्रेस के साथ बैठक होगी: पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या कांग्रेस की तरफ से देर हो रही है तो उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस से बात करूंगा।' जब उनसे ये पूछ गया कि क्या आज कांग्रेस और एनसीपी के बीच कोई बैठक होने वाली है तो उन्होंने कहा, 'किसने कहा कि बैठक होने वाली है। मुझे नहीं पता।'
अजित पवार ने कांग्रेस पर फोड़ा ठीकरा
शरद पवार ने जहां महाराष्ट्र संकट को लेकर चुप्पी साध रखी है। वहीं उनके भतीजे अजित पवार का कहना है कि सरकार गठन को लेकर चर्चा हो रही है। उन्हें कांग्रेस की तरफ से पत्र नहीं मिला है। ऐसे में उनके अकेले पत्र देने से कुछ नहीं होगा। हाई कमान से जैसा स्गिनल मिलेगा हम वैसा करेंगे। जो भी फैसला लिया जाएगा, वह एकसाथ लिया जाएगा। सरकार बनाने में हो रही देरी पर अजीत पवार ने कहा कि हम कल कांग्रेस के का इंतजार कर रहे थे, मगर उनकी तरह से कोई जवाब नहीं आया। हम इसका फैसला अकेले नहीं लेंगे। यहां कोई गलतफहमी नहीं है। हमने एक साथ चुनाव लड़ा है और हम साथ हैं।
संजय राउत की तबीयत बिगड़ी
शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत की तबीयत अचानक खराब हो गई। सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे।
राष्ट्रपति ने मंजूर किया सावंत का इस्तीफा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद से शिवसेना सांसद अरविंद सावंत का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। उनके स्थान पर प्रकाश जावड़ेकर को भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह जानकारी आधिकारिक प्रवक्ता ने दी।
हम होंगे कामयाब
मंगलवार को शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है कि हम होंगे कामयाब। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती'- बच्चन। 'हम होंगे कामयाब, जरूर होंगे।'
सरकार बनाना कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं
महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम ने ट्वीट कर कहा, 'राज्य में सरकार बनाना कांग्रेस की नैतिक जिम्मेदारी नहीं है। अस्थिरता के लिए हम पर किसी भी तरह का दोष लगाना व्यर्थ है। यह भाजपा और शिवसेना की गलती है जिसने राज्य को राष्ट्रपति शासन के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया है।'
तीनों पार्टियां बनाएं सरकार
महाराष्ट्र से कांग्रेस विधायक कागड़ा चांद्या पड़वी ने कहा, 'प्रक्रिया अभी भी चल रही है, लेकिन अंतिम परिणाम सकारात्मक होगा। निजी तौर पर मेरा मानना है कि तीनों पार्टियों (शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी) को सरकार बनानी चाहिए और शिवसेना के नेता को मुख्यमंत्री पद दिया जाना चाहिए।'
शिवसेना ने चुकाई भारी कीमत
शिवसेना ने राज्य में सरकार बनाने का सपना देखते हुए, अपने अड़ियल रवैये से भारी कीमत चुकाई है। सोमवार सुबह उसके मंत्री अरविंद सावंत ने नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। अब शिवसेना केंद्र सरकार से भी बाहर है और राज्य में भी न उसकी सरकार बन रही है और न ही मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल रही है। उसकी स्थिति माया मिली न राम वाली हो गई है। अब सबकी नजरें इस पर है कि क्या शिवसेना की राहें एनडीए से भी जुदा हो जाएंगी? एनसीपी ने शिवसेना के सामने रविवार को शर्त रखी थी कि अगर वह सरकार बनाने के लिए समर्थन चाहती है तो केंद्र सरकार में उसके मंत्री को इस्तीफा देना होगा और उसे भाजपा से सारे संबंध तोड़ने होंगे।
खिल गए भाजपाइयों के चेहरे
सोमवार को दिन भर तनाव में दिखने वाले भाजपा नेताओं के चेहरे शाम को शिवसेना के हाथ से खिसकी बाजी के बाद खिल गए। राज्यपाल द्वारा एनसीपी से सरकार बनाने का इरादा जानने के बाद भाजपा ने मंगलवार को टाली हुई अपनी राज्य कोर कमेटी की बैठक आनन-फानन में बुलाई। इस बैठक के बाद भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने मीडिया से कहा कि हम सारे राजनीतिक घटनाक्रम पर बारीक नजर रखे हुए हैं। हम वेट एंड वॉच की भूमिका में है। कोई भी ठोस फैसला समय आने पर करेंगे।