साल 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शासनकाल के दौरान सरकार की अनुमति से अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास किया गया था। इस शिलान्यास में पहली ईंट रखने वाले विश्व हिंदू परिषद के तत्कालीन संयुक्त सचिव कामेश्वर चौपाल ने राम मंदिर फैसले पर प्रतिक्रिया दी।
बिहार के दलित समुदाय से नाता रखने वाले कामेश्वर चौपाल ने मीडिया से कहा है कि आज का दिन ऐतिहासिक है। साल 1989 में शिलान्यास की तारीख 9 नवंबर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि शिलान्यास के लिए देश के दो लाख गांवो से ईंटें आईं थीं।
उन्होंने आगे कहा कि संतों द्वारा एक दलित के हाथों से मंदिर का शिलान्यास कराना मेरे लिए रामजी को शबरी द्वारा बेर खिलाने जैसा था। आज का दिन पुरे दलित वर्ग के लिए गौरवान्वित करने वाला है।
बिहार के सौपाल के निवासी 65 वर्षीय कामेश्वर ने बताया कि शिलान्यास में पहली ईंट रखने वाले पल को मैं जिंदगी भर नहीं भूल पाऊंगा। पहलु ईंट रखने का वो पल हमें आजीवन गर्व की अनुभूति कराता रहेगा।