बिलासपुर । 21वीं सदी की नई पीढी के लोगो लिए एक समय में भाप से चलने वाली ट्रेनों की कल्पना करना काफी कठिन हो सकती है। युवा पीढ़ी अचंभित हो जाते है जब उन्हें बताया जाता है की एक समय था जब मुंबई से कोलकाता तक की लम्बी दूरी का सफर तय भाप इंजन की द्वारा ही पूरी की जाती थी। इस प्रकार की अपनी गौरवशाली धरोहर को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने सहेजकर नई पीढी को दिखाने के लिए न सिर्फ सहेजकर रखा है वरन इसे सभी के लिए प्रदर्शित भी किया है। जानकारी के अनुसार 1974 के लगभग भाप से चलने वाली इंजनो का निर्माण बंद कर दिया गया थाए परन्तु भारतीय रेल के कुछ खण्डों पर आज भी जैसे दार्जिलिंग में एवं पर्यटन के उद्देश्य से चलाये जाने वाले पैलेस ऑन व्हील ट्रेन में भाप से चलने वाली इंजनों उपयोग किया जा रहा है। भारतीय रेल की गौरवशाली धरोहर एवं विरासत को सहेजकर रखने एवं नई पीढ़ी के लोगो के लिए विकासक्रम को समझने के उद्देश्य से पुराने भाप के इंजनो का प्रदर्शन बिलासपुर स्टेशन परिसर मेंए रायपुर के मंडल मुख्यालय परिसर में किया गया है द्य नागपुर मंडल कार्यालय में अब तक प्रदर्शित किये गए पुराने भाप के इंजन को नागपुर के डीजल लोको शेड में स्थानांतरित लिया गया है। बिलासपुर स्टेशन परिसर में प्रदर्शित छोटी लाइन पर चलने वाले पुराने भाप का इंजर्न श्रेणी का इंजन है द्य इस इंजन का निर्माण इंग्लैण्ड के कंपनी द्वारा किया गया था। इसे सन 1933 में 2 से 6 गेज पर चलने योग्य निर्मित किया गया था। इस इंजन को रूपसा-बारीपद रेल खंड में अधिकतर परिचालित की गयी एवं 1991 में अंतिम बार परिचालित होते हुए यह इंजन एक वैभवशाली धरोहर के रूप में पटरी से बाहर हो गयी। इसी प्रकार भारतीय रेलवे की गौरवशाली इतिहास को सहेजते हुए मई, 1981 में चित्तरंजन लोकोमोटिव कारखाने में निर्मित छोटी लाईनों में चलने वाली डीजल इंजन को मोतीबाग वर्कशॉप से लाकर प्रदर्शन के लिए मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय बिलासपुर के सामने रखा गया है। रायपुर मंडल मुख्यालय के परिसर में प्रदर्शित पुराने भाप के इंजन की 10 डेल्टा टाईप का इंजन है। यह सेचुरेटेड स्टीम की श्रेणी का इंजन है। इस इंजन का निर्माण 1924 में इंग्लैण्ड के मेलोड कंपनी द्वारा किया गया था। इस इंजन की अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। 3054 नंबर के बोयलर वाले इस इंजन की कुल लम्बाई 8 मीटर चौड़ाई 2.326 मीटर, ऊँचाई 3.2 मीटर एवं वजन कुल 23.4 टन की है। आज यह इंजन रायपुर मंडल मुख्यालय परिसर की शोभा बढ़ा रही है। नागपुर मोतीबाग के डीजल लोको शेड पर प्रदर्शित छोटी लाइन पर चलने वाले पुराने भाप के इंजन की विशेषताएं, यह इंजन 5 बग्नाल स्टीम इंजन श्रेणी का लोकोमोटिव है। 615 नंबर के इस इंजन का निर्माण नास्मिथ विल्सन एंड कंपनी लिमिटेड मेनचेस्टर, यूके के द्वारा किया गया है। इसे सन 1915 में 2-6 गेज वाली छोटी लाइन पर चलने योग्य निर्मित किया गया था। यह इंजन वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के डीजल लोकोशेड के परिसर में प्रदर्शन हेतु अवस्थित है।