शाही सांई भंडारे में दूसरे दिन भी उमड़ा भक्तों का सैलाब, 70 हजार से अधिक भक्त पहुंचे 

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इन्दौर। ए.बी. रोड स्थित सांई शक्ति स्थल, बिच्छूदास के बगीचे पर शनिवार से प्रारंभ हुए शाही सांई भंडारे में आज रात 11 बजे तक 70 हजार से अधिक भक्तों ने बाबा की प्रसादी ग्रहण की। भंडारे में भोजन के साथ परोसगारी और जूठी प्लेटें साफ करने के लिए भी अंचल के भक्तों में होड़ मची रही। सोमवार को रात 10 बजे तक भंडारा जारी रहेगा। आज अनेक विशिष्ट अतिथियों ने भी भंडारे में आकर महाप्रसादी का पुण्य लाभ उठाया।
आयोजन समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल, संस्थापक सांईराम कसेरा एवं संयोजक गोपाल मित्तल ने बताया कि भंडारे के दूसरे दिन आज ज्वार, मक्का, बाजरा, तंदूरी रोटी, तवा रोटी, बेसन, खिचड़ी, मिक्स सब्जी परोसी गई। चार घंटे बाद यह मेन्यू बदला और मिठाई में बेसन की चक्की तथा सब्जी बदल गई। सुबह 10 बजे से तमिल समाज के सहयोग से दक्षिण भारतीय व्यंजनों की दावत परोसी गई। इडली, डोसा, सांभर बड़ा जैसे लोकप्रिय व्यंजन खूब पसंद किए गए। तमिल समाज के प्रमुख गुरू गणेश अन्ना स्वामी के निर्देशन में 60 से अधिक महिला पुरूषों ने भंडारे में अपनी सेवाएं दी। आज विधायक सुश्री उषा ठाकुर, इंदौर से समाजसेवी विनोद अग्रवाल, विष्णु बिंदल, टीकमचंद गर्ग, पवन सिंघानिया, पवन सिंघल क्रेेन, वासु टिबड़ेवाला ने अपने साथियों सहित भंडारे का अवलोकन कर सांईबाबा के दरबार में पूजा-अर्चना भी की। आयोजन समिति की ओर से हरि अग्रवाल,गोपाल मित्तल शक्कर वाले, गोविंद शर्मा, नीलेश भूतड़ा, राजेंद्र कसेरा, मनीष कसेरा, मोहन अग्रवाल आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। आज रविवार होने से सुबह 9 बजे से ही भक्तों की कतारें लगना शुरू हो गई थी। भंडारा स्थ्ल पर आधा आधा किमी लंबी कतारें होने के बावजूद मात्र आधे घंटे में ही उनकी भोजन की बारी आ जाने से रात 11 बजे तक 70 हजार से अधिक भक्तों ने इसका पुण्य लाभ उठाया। अनेक भक्त अपने साथ ट्रेक्टर ट्राली में गेहूं, चांवल, दाल, तेल, सब्जी, गुड़ एवं अन्य खाद्यान्न ले कर आए थे।  
शामियाने में भक्तों की सुविधा के लिए 24 घंटे रोशनी, आर.ओ के शुद्ध पानी, साफ-सफाई, परोसगारी, बैठक व्यवस्था सहित समुचित प्रबंध किए गए हैं। इस अवसर पर 101 अखंड ज्योत एवं 101 कलश श्रीफल की पूजा एवं आरती भी की गई। पीथमपुर, गुजरखेड़ा, सुतारखेड़ी, हरसोला, आंबाचंदन, जोशी गुराडिया, तिल्लौर, गवली पलासिया, बिचोली, जामली, मानपुर, गुजरी, हासलपुर, तेलीखेड़ा, धार नाका, महू नाका, महू गांव, भाटखेड़ी  के अलावा धार, रतलाम, झाबुआ और देवास के सांई भक्त भी आए हैं। इनके अलावा इंदौर के सांई भक्त एवं ग्रामीण भी इस भंडारे में भागीदार बनने आ रहें है। भंडारे के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं सांई पारायण भी कर रही हैं। भंडारे की व्यवस्था इस ढंग से की गई है कि भोजनशाला की एक पारी खत्म होने के बाद बाहर प्रतीक्षालय में बैठे भक्त मात्र आधे घंटे बाद प्रसाद प्राप्त कर सकें और तब तक संाई पारायण का आनंद भी ले सकें। भंडारे में प्रसादी ग्रहण करने के लिए धर्म, जाति, आयु, लिंग आदि किसी तरह का बंधन नहीं है। हर किसी के लिए यह भंडारा 24 घंटे लगातार सोमवार 11 नवंबर को रात 10 बजे तक खुला रहेगा।