स्पॉट फिक्सिंग का मामला फिर सामने आया  

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कर्नाटक प्रीमियर लीग (केपीएल) में फिक्सिंग का एक नया मामला सामने आया है। अब इस लीग के दो खिलाड़ियों के स्पॉट फिक्सिंग में पकड़े जाने से खलबली मच गयी है। ये दोनो ही क्रिकेटर आईपीएल का भी हिस्सा रहे हैं। इस मामले में अब तक पुलिस ने टीम के मालिक सहित सात लोगों को पकड़ा है। 
33 साल के सी गौतम और अबरार काजी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह दोनो ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का भी हिस्सा रहे हैं। गौतम अगुआई वाली मुंबई इंडियंस में भी शामिल रहे हैं। दोनों खिलाड़ियों पर केपीएल के इस सीजन के खिताबी मुकाबले में धीमी बल्लेबाजी के लिए 20 लाख रुपये लेने का आरोप लगा है। केपीएल 2019 के फाइनल के दौरान हुबली और बेल्लारी टीम के बीच स्पॉट फिक्सिंग हुई थी।
केपीएल पर उठे सवाल 
इससे पहले इस लीग में फिक्सिंग को लेकर लीग के मालिक और अन्य लोगों के अलावा निशांत सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। इस लीग में कई टीमों की ओर से खेलने वाले निशांत पर आरोप लगा है कि वह बुकीज को खिलाड़ी और कोचिंग स्‍टाफ तक पहुंचाते थे। शेखावत शिवामोगा, मैंगलोर और हुबली टाइगर्स की ओर से खेल चुके हैं। 2016 में निशांत करुण नायर की कप्तानी वाली मैंगलौर टीम का हिस्सा थे। इससे पहले बेंगलुरु ब्लास्टर्स टीम के गेंदबाजी कोच वीनू और बल्लेबाज विश्वनाथन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था और इनकी गिरफ्तारी के बाद से ही एक के बाद एक नामों का खुलासा हो रहा है। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद ही शेखावत भी पुलिस की नजरों में आ गए थे। जहां गौतम और काजी पर धीमी बल्लेबाजी के लिए 20 लाख रुपये लेने का आरोप लगा है, वहीं विश्वनाथन पर धीमी बल्लेबाजी के लिए पांच लाख रुपये लेने का आरोप लगा है। विश्वनाथन को एक मैच में 20 गेंदों पर 10 रन से भी कम स्कोर करने के लिए कहा गया था और उस मैच में इस बल्लेबाज ने 17 गेंदों पर नौ रन बनाए थे।