भोपाल. मध्य प्रदेश में चल रहे अंडा विवाद (Egg Controversy) पर एक बार फिर से प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी (Imarti Devi) का बयान आया है. न्यूज़ एजेंसी ANI के मुताबिक मंत्री इमरती देवी ने कहा है कि हमने अंडे (Egg) को मिडडे मिल (Midday Meal) में शामिल करने से पहले बाकायदा डाक्टरों से सलाह ली है. उन्होंने महाराष्ट्र (Maharashtra) का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां भी बीजेपी की सरकार (BJP Government) है और राज्य सरकार वहां साल 2016 से मिडडे मिल में अंडा दे रही है. दरअसल सरकार की योजना इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शूरू करने की थी. पहले आदिवासी और अति कुपोषित बच्चों वाली आंगनबाड़ियों में ही अंडा देने की बात थी, लेकिन बीजेपी के विरोध के बाद इस मसले ने विवाद का रूप अख्तियार कर लिया.
बीजेपी का विरोध
इससे पहले जब प्रदेश की आंगनबाड़ियों में अंडा शुरू करने की बात हुई तो बीजेपी ने सरकार की इस योजना का जमकर विरोध किया था. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने आंगनबाड़ियों में अंडा बांटने के मामले पर कहा था कि लोगों के धर्म और आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, बीजेपी इसका विरोध करेगी.
आंगनबाड़ियों में अंडे के वितरण की बात पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि घर में कोई व्यक्ति क्या खाता है इससे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अगर सरकारी प्रयोजन में ऐसे फैसले लिए जाते हैं तो फिर सोचना पड़ेगा. कुपोषण दूर करने के लिए सिर्फ अंडा जरूरी नहीं है. जहां सरकारी भोजन बंटे वो ऐसा हो जिससे किसी की धार्मिक भावना को ठेस न पहुंचे. इससे अलावा बीजेपी नेता रामेश्वर शर्मा, इंदौर सांसद कैलाश ललवानी भी आंगनबाड़ी में अंडे के प्रस्ताव का विरोध कर चुके हैं.
कांग्रेस की नरमी
बीजेपी के विरोध पर जहां मंत्री इमरती देवी ने इसे बीजेपी की विरोध करने की आदत करार दिया था वहीं मंत्री जीतू पटवारी ने मामले पर थोड़ी नरमी दिखाते हुए कहा था कि बीजेपी जबरिया हल्ला मचा रही है. मिडडे मील में बच्चों को अंडे देने की सरकार की मंशा ज़रूर है, लेकिन प्रदेश को कुपोषण मुक्त करने के लिए अंडे को अनिवार्य नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि बच्चों के मां-बाप से पूछकर ही अंडा खिलाया जाएगा. किसी को जबरदस्ती अंडा नहीं खिलाया जाएगा.