कौमी एकता की मिसाल, मंदिर और दरगाह दोनों के लिए है एक ही दरवाजा

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डिंडौरी. इन दिनों हर किसी की नजर राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद मामले (Ram Janmabhoomi-Babri Masjid dispute case) पर लगी हुई है. हालांकि ऐसे वक्‍त में मध्‍य प्रदेश के डिंडौरी जिले (Dindori District) में कौमी एकता (Communal unity) की शानदार मिसाल देखने को मिलती है. जी हां, जिले के राई गांव में वर्षों से एक ही परिसर में हजरत मिस्कीन शाह (Hazrat Miskin Shah) की दरगाह, हनुमान मंदिर, दुर्गा मंदिर (Durga Temple) और सिद्ध बाबा का मंदिर स्थापित है. खास बात यह है कि हिन्दू और मुस्लिम धर्म प्रेमियों को मंदिर और दरगाह तक जाने के लिए एक ही दरवाजे से होकर गुजरना पड़ता है.

परिसर में दिखता है भाई-चारा

यहां दर्शन होते हैं आपसी भाई-चारे के. सबसे खास बात है कि यहां मुस्लिम माता मंदिर में जाकर पूजन करते हैं तो हिन्दू दरगाह में जाकर इबादत करते हैं. परिसर में एक ओर मंदिर में लाल झंडी, तो वहीं दूसरी ओर दरगाह पर हरा परचम लहराता है. ये धार्मिक संगम अपने आप में भाई-चारे, सदभाव और एकता का संदेश देता है. कहा जाता है कि हजरत मिस्कीन शाह के लिए मजहब का बंधन नहीं था और यही कारण है की यहां के लोग भी उन्हीं के आदर्शों पर चलते हुए आपसी सौहार्द के साथ चाहे रमजान हो या नवरात्र ईद हो या हनुमान जयंती सभी एक साथ मिलकर मनाते हैं.

भक्‍तों ने कही ये बात

भक्तों का कहना है कि धर्म चाहे कोई भी हो, लेकिन सबकी आस्था एक सी होती है. इस दरबार में आने वाले भक्त हिन्दू हों या मुसलमान सबको दोनों दरबार में हाजिरी देनी होती है और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस गांव में यह मिसाल भी है कि दोनों धर्मालंबी हिन्दू और मुस्लिम सभी के त्योहारों पर बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. संभवतः ये प्रदेश का एकमात्र स्थान है, जहां एक साथ दो धर्म के लोग एक ही दरवाजे से चलकर पहुंचते हुए हिन्दू और मुस्लिम दरबार में शिद्दत के साथ सिर झुकाते हैं.

इस मामले पर थानाप्रभारी सी के सिरामे ने कहा कि राई गांव में एक ही परिसर में दरगाह और मंदिर मौजूद है और यहां दोनों धर्मों के लोग हर रोज दर्शन के लिए पहुंचे है. सच कहा जाए तो ये परिसर आपसी सौहार्द की शानदार मिसाल है.