नई दिल्ली: करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) को लेकर पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक प्रमोशनल वीडियो में खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले की तस्वीर दिखने का भारत सरकार ने संज्ञान लिया है. सूत्रों के हवाले से खबर है, 'भारत सरकार का मानना है कि पाकिस्तान के करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के पीछे मकसद कुछ और ही, पाकिस्तान इस बहाने खालिस्तान और अलगाववाद को हवा देना चाहता है.' सरकार के सूत्रों ने बताया है, 'हमने भिंडरवाले का पोस्टर उपयोग करने के मामले को संज्ञान में लिया है. पाकिस्तान की सरकार जो कुछ भी कर रही है उसके पीछे पाक आर्मी है.'
सरकार का कहना है,'सुरक्षा को लेकर हमारे पूरे इंतजाम है जिससे कॉरिडोर के चलते कोई सुरक्षा पर आंच नहीं आएगी. गुरुनानक की 550 वी जयंती के सभी कार्यक्रम में से एक करतारपुर की शुरुआत होना है. इसके अलावा हम दुनिया भर में अलग अलग तरह के कार्यक्रम कर रहे है. हमने 550 लोगों की लिस्ट दी है पाकिस्तान को जो 9 नवम्बर को करतारपुर जायेगे…
…..इसमे मनमोहन सिंह, अमरिंदर सिंह, हरदीप पुरी, हरसिमरत कौर बादल, कई सांसद और वरिष्ठ लोग है. पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि पासपोर्ट की जरूरत नही है हमने पाकिस्तान से उसपर जवाब माँगा है.क्योंकि एग्रीमेन्ट में उन्होंने पासपोर्ट को शामिल किया था. अभी पाकिस्तान के जवाब का इंतजार है.'
सरकार के सूत्रों ने बताया है, 'हमने पाकिस्तान से फिर कहा है कि तीर्थ यात्रियों से शुल्क न ले. पाकिस्तान की तरफ से क्या क्या प्रोग्राम है इसकी जानकारी पाकिस्तान ने नहीं दी है. पाकिस्तान से हमने कहा है जो वीवीआईपी जा रहे है उनको हिसाब से अतिरिक्त इंतजाम करने के लिए एडवांस में प्रोटोकॉल और दूसरी टीम को अनुमित दें.'
भारत के पास इस तरह की रिपोर्ट है कि पाक गुरुद्वारा में किस तरह से भारत विरोधी गतिविधि चल रही है. हमने पाकिस्तान के समक्ष ये मामला उठाया भी है. जो लोग कॉरीडोर के जरिये 9 तारीख को जा रहे है उनको पॉलीटिकल क्लीयरेंस की जरूरत नहीं. 9 नवंबर को 575 मेंबर का जत्था जा रहा है कॉरीडोर के रास्ते, यदि सिद्धू उसमे जाते है तो उनको पोलिटिकल क्लीयरेंस की जरूरत नहीं.
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने कहा कि मैं पहले दिन से ही आगाह कर रहा हूं कि इसके पीछे पाकिस्तान का एक छिपा हुआ एजेंडा है.
दरअसल, 9 नवंबर को करतारपुर कॉरीडोर के उद्घाटन से पहले पाकिस्तान की बड़ी साजिश उजागर हुई है. पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने करतारपुर साहिब से जुड़ा एक प्रमोशनल वीडियो जारी किया है. वीडियो में गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में सिख श्रद्धालुओं के लिए स्वागत गीत है. लेकिन उसमें खालिस्तानी आतंकियों जनरैल सिंह भिंडरावाले, शबेग सिंह और अमरीक सिंह के पोस्टर दिखाई देते हैं. ऑपरेशन ब्लू स्टार में ये सभी मारे गए थे. इसमें खालिस्तानी आंदोलन से जुड़ी मांग रेफरेंडम 20-20 के पोस्टर भी लगाए गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे और 12 नवंबर को होने वाले गुरु देव के 550वें जयंती समारोह के अवसर पर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले पहले सिख श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना करेंगे. यह सिख समुदाय के सबसे पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जहां श्रद्धालु पहले सिख गुरु के 550वीं जयंती को मनाने के लिए आ रहे हैं. गुरुद्वारा दरबार साहिब के नाम से प्रसिद्ध करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख धर्म में विशेष मान्यता रखता है जहां गुरु नानक देव जी ने 18 वर्ष गुजारे थे और यहीं उन्होंने निर्वाण प्राप्त किया था.
बॉर्डर से 4 किमी दूर
माना जाता है कि भारत से लगी सीमा से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित करतारपुर गुरुद्वारा 16 वीं शताब्दी में गुरु नानक के निर्वाण वाली जगह पर बनाया गया है. इसे 4.2 किलोमीटर लंबे करतारपुर साहिब कॉरीडोर से जोड़ा जाने वाला है.