सुप्रीम कोर्ट ने उठाए ऑड-ईवन पर सवाल, दिल्ली सरकार से पूछा – बताएं इससे प्रदूषण कैसे रूकेगा?

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नई दिल्ली: दिल्ली में ऑड-ईवन (Odd-Even scheme) भले ही लागू हो गया हो लेकिन इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस पर सवाल उठा दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार से पूछा कि ऑड-ईवन से प्रदूषण कैसे रूकेगा? सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने वाले किसानों से कोई सहानभूति नहीं है. कोर्ट ने कहा कि डीजल गाड़ियों पर पाबंदी समझ में नहीं आती. 

कोर्ट ने पूछा कि ये स्कीम  प्रदूषण रोकथाम में कैसे सहायक होगी. अगर लोग आने जाने के लिए ज़्यादा ऑटो रिक्शा और टैक्सी का इस्तेमाल करते हैं. फिर इस ऑड- इवन  स्कीम लागू करने का मकसद क्या है। इससे क्या फायदा होने वाला है? कोर्ट ने पूछा कि ये स्कीम प्रदूषण रोकथाम में कैसे सहायक होगी. अगर लोग ऑटो रिक्शा और  टैक्सी का इस्तेमाल करते हैं फिर इस स्कीम को लागू करने का मकसद क्या है?

कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि अगर आप प्रदूषण की रोकथाम के लिए डीजल गाड़ियों पर रोक लगाते है, तो समझ में आता है तो ऑड-ईवन स्कीम लागू करने का मकसद क्या है? आप इस स्कीम के जरिये एक तरह की गाड़ियों के सड़क पर चलने पर रोक लगा रहे है, वहीं दूसरी तरफ  इसके एवज में दूसरी गाडियां ( ऑटो- रिक्शा ) चल रही हैं. ऑड इवन इन पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा लोगों की कार घर पर रखवा कर क्या हासिल हो रहा है लोग ऑटो व टैक्सी से चल रहे हैं ऑटो से ज्यादा प्रदूषण हो रहा है. 

जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि जब मैं सुप्रीम कोर्ट आया था तो मैंने 3 साल में 3000 बस दिल्ली की सड़कों पर लाने का आदेश दिया था लेकिन सिर्फ 300 आई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से ऑड-ईवन लागू करने पर पाल्यूशन में कितनी कमी आई है, इसकी जानकारी शुक्रवार तक मांगी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा दिल्ली की सड़कों पर ऑटो टैक्सी कंटिन्यू चल रहे हैं ऐसे में ऑड इवेन लागू करने से क्या बदलाव हुए हैं, इसकी जानकारी दें. 
कोर्ट ने पराली जलाने को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त टिप्पणी की. कहा-किसान अपनी आजीविका के लिए दूसरों को नहीं मार सकते। अगर वो पराली जलाना जारी रखते है तो हमे ऐसे लोगों से कोई सहानुभूति नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने पर तुरंत रोक लगनी चाहिए जिसके लिए राज्य सरकारों को कदम उठाने होंगे. कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब की सरकार को फटकारा. कोर्ट ने कहा कि प्रशासन को सख़्त कदम उठाने होगें और अधिकारियों के साथ साथ ग्राम प्रधान तक की ज़िम्मेदारी तय होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा शहर में लोगों का दम घुट रहा है, लेकिन दिल्ली सरकार और केंद्र केवल रुपये दे रहे हैं.