केंद्र सरकार ने बिजली चोरी रोकने और बकाया वसूलने के लिए राज्यों को नेताओं और नौकरशाहों के घर प्राथमिकता से प्रीपेड मीटर लगाने को कहा है। देश में बिजली उपभोक्ता के लिहाज से नंबर वन उत्तर प्रदेश ने केंद्र के इस निर्देश पर तत्काल प्रभाव से अमल करने का फैसला किया है। अन्य राज्य भी ऐसा करने की तैयारी में हैं। उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों पर करीब 13,000 करोड़ रुपये का बिजली का बकाया है। इसमें आधिकारिक आवासों पर लगे बिजली कनेक्शन भी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार में बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि राज्य में नेता और सरकारी अधिकारियों का रिकॉर्ड भी बिजली बिल भरने में बेहतर नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए नेताओं और अधिकारियों के सरकारी आवास पर प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला किया गया है।
एक लाख प्रीपेड मीटर के ऑर्डर दे दिए गए हैं। जैसे-जैसे ये मीटर आते जाएंगे, सरकारी आवासों में लगते जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भी अपने यहां प्रीपेड मीटर लगाने की अपील की जाएगी।
वसूली में अपेक्षित सफलता नहीं
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही सरकारी विभागों और आधिकारिक आवासों पर ही करीब 13,000 करोड़ रुपये का बकाया है। इसकी वसूली के लिए राज्य सरकार ने किस्तों में भुगतान का विकल्प दिया है।
इसके बावजूद इसमें अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है। उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी नेताओं और नौकरशाहों पर करोड़ों रुपये का बिजली बिल बकाया है।
खुल रहे हैं विशेष थाने
उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए पांचों डिस्कॉम के तहत 75 थाने खोले जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने 2,050 पदों का सृजन किया है। अब तक 68 थाने खुल चुके हैं। इनमें तैनात पुलिसकर्मियों के लिए वेतन और दूसरे खर्चों का भार पावर कॉरपोरेशन खुद उठाएगा।
इन थानों के लिए 75 निरीक्षक, 375 उपनिरीक्षक, 675 मुख्य आरक्षी, 150 मुख्य आरक्षी कंसोल ऑपरेटर और 675 सिपाहियों के पद मंजूर किए गए हैं। इन थानों में तैनात पुलिसकर्मियों और अन्य कर्मचारियों का काम जिले के हर इलाके में बिजली रोकना है।