नई दिल्ली: यूरोपीय संघ (ईयू) का 21 सदस्यीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल 29 अक्टूबर को कश्मीर दौरे पर जा रहा है. आज 11 बजे ये कश्मीर पहुंचेगा. आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद ये ये किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल का पहला दौरा है. उससे पहले सोमवार को प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात की. यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका व कई अन्य देशों में कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने के बाद वहां के हालात पर चिंता जताई जा रही है. यह अनुच्छेद 370 के रद्द होने के बाद किसी विदेशी दल का पहला कश्मीर दौरा होगा. नई दिल्ली स्थित यूरोपीय संघ की शाखा ने कहा है कि 'यह उसका कोई आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं है.'
पीएम मोदी ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से मुलाकात के दौरान पाकिस्तान की तरफ स्पष्ट इशारा करते हुए कहा कि उन देशों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है, जो आतंकवाद को राज्य की नीति के तौर पर इस्तेमाल करते हैं. माना जा रहा है कि मोदी ने यह बात कर टीम के कश्मीर दौरे की 'टोन' तय कर दी है. मोदी ने उम्मीद जताई कि सदस्य क्षेत्र की एक 'बेहतर समझ' और वहां के लिए सरकार की विकास की नीतियों की 'एक स्पष्ट तस्वीर' हासिल कर सकेंगे.
डोभाल ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की सोमवार दोपहर के भोज पर मेजबानी की. उन्होंने पाकिस्तान की तरफ से होने वाले सीमा पार आतंकवाद और अनुच्छेद 370 रद्द किए जाने के बाद के संवैधानिक बदलावों पर बात की. प्रतिनिधिमंडल में यूके, फ्रांस, इटली, पोलैंड, जर्मनी के सदस्य हैं, जिन्होंने उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू से भी मुलाकात की. ईयू प्रतिनिधिमंडल का कश्मीर दौरा भारत द्वारा कश्मीर को लेकर पाकिस्तान द्वारा की जा रही नकारात्मक बातों की काट पेश करने का प्रयास माना जा रहा है.
राहुल गांधी ने साधा निशाना
इस मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय सांसदों को रोकने और विदेशी नेताओं को वहां जाने की अनुमति देने में 'कुछ न कुछ बहुत गलत है.' उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'यूरोप से आए सांसदों का जम्मू-कश्मीर का दौरा करने के लिए स्वागत है जबकि भारतीय सांसदों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है. कुछ न कुछ ऐसा है जो बहुत गलत है.'