अधिक मोटापा भी शरीर के लिए नुकसानदेह हो जाता है। इससे मस्तिष्क पर असर कर सकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार मोटापे से जीवन में आगे चलकर आपकी मस्तिष्क की क्षमता में गिरावट आने की आशंका रहती है। शोधकर्ताओं ने 250 लोगों पर शोध किया जिनकी उम्र 60 से 70 के बीच थी। इस शोध में उन लोगों को लेकर पहचान परीक्षण किया गया जिनके शरीर के वजन और लंबाई का अनुपात यानी बीएमआई ज्यादा था और कमर औसत से बहुत चौड़ी थी। इस परीक्षण में पाया गया कि मोटे लोगों की चीजें पहचानने की क्षमता पर असर ज्यादा पड़ता है। वहीं शरीर पर चढ़ी अधिक चर्बी मस्तिष्क की कार्य क्षमता को भी खराब कर सकती है।
पहचानने की क्षमता पर विपरीत प्रभाव
अगर जीवन जीने के तौर तरीकों को बदला जाए तो इसमें मदद मिल सकती है। इस शोध में 60 और उससे अधिक उम्र के लोगों में चर्बी के स्तर और चीजों को पहचानने की क्षमता के बीच संबंध होने पर अध्ययन किया गया। इस शोध में शामिल होने वाले लोगों का बीएमआई टेस्ट किया गया और जिनका बीएमआई ज्यादा होने के साथ-साथ पेट पर अधिक चर्बी थी उनकी चीजें पहचानने की क्षमता पर विपरीत प्रभाव देखा गया।
मोटापा और उसमें भी खासतौर पर शरीर के मध्य भाग पर जमे मोटापे की रोकथाम लोगों के चीजों को पहचानने की क्षमता या मतिभ्रम को रोकने के लिए अहम हो सकती है।
65 से ज्यादा उम्र के हर तीन में से एक व्यक्ति की मौत मतिभ्रम से होगी लेकिन इस खतरे को कम करने के लिए कई उपाय किए जा सकते है।
इन उपायों में संतुलित आहार, अपने वजन का ध्यान रखना, नियमित रुप से कसरत, रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल की जांच शामिल है जिससे इस बीमारी से बचा जा सकता है।