चीन के राजदूत याओ जिंग ने कहा कि चीन सरकार ने पूर्व के पाकिस्तान के संघीय प्रशासित जनजातीय इलाकों (एफएटीए) में 58 स्कूलों के निमार्ण व इसके साथ ही खैबर पख्तूनख्वा में 30 अस्पताल के निर्माण को मंजूरी दी है। जिंग ने एक सेमिनार में कहा, “हमारे पूर्वज इस क्षेत्र से जुड़े हैं, जिसे पाकिस्तान का उत्तरी क्षेत्र कहा जाता है। इसलिए इन इलाकों को विकसित करना हमारी शीर्ष प्राथमिकता है।”
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने क्षेत्र में शांति व स्थिरता की जरूरत को रेखांकित किया है, जिससे चीनी कंपनियां रेल पटरियों के जरिए क्वेटा, चमन से ग्वादर व पेशावर से काबुल और इसके बाद कजाकिस्तान को जोड़ने के ड्रीम प्रोजेक्ट को निष्पादित करें।
राजदूत जिंग ने कहा कि पाकिस्तान व चीन 10 कृषि परियोजनाओं पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने उच्च शैक्षिक संस्थानों (एचईआई) से योजना आयोग व पाकिस्तान एग्रीकल्चर रिसर्च काउंसिल (पीएआरसी) के जरिए देश में 1० कृषि प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए प्रस्तावों के साथ आने का आग्रह किया।
जिंग ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा सीपीईसी के सपनों को सच करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि पेशावर क्षेत्र में मध्य एशिया का प्रवेशद्वार होगा और निकट भविष्य में कराची से पेशावर तक की रेल पटरियों को नए रेल सिस्टम के साथ अपग्रेड किया जाएगा।
उन्होंने छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए 20 लाख पाकिस्तानी रुपये के एक चेक पर हस्ताक्षर भी किया। सभा को संबोधित करते हुए खैबर पख्तूनख्वा के राज्यपाल शाह फरमान ने एचईआई से खनिज, कृषि और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों की वैश्विक मांग को पूरा करने का आह्वान किया। उन्होंने चीन के राजदूत से स्थानीय खनिज उद्योग के मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने का आग्रह किया।