भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 30 अक्टूबर को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिल सकते हैं। शाह मुंबई में विधानसभा पार्टी के नेता का चुनाव करने के लिए भाजपा के नव-निर्वाचित विधायकों की बैठक में हिस्सा लेंगे।
गुरुवार को आए चुनाव परिणाम में भाजपा को कम सीटें मिलने के मद्देनजर अगली सरकार सरकार में शिवसेना की सत्ता के समान बंटवारे की मांग को देखते हुए अगर शाह और ठाकरे की मुलाकात होती है तो, इसके काफी राजनीतिक मायने हैं। सूत्रों ने बताया कि शिवसेना सत्ता के समान बंटवारे से पहली बार विधायक बने आदित्य ठाकरे के लिए मुख्यमंत्री पद मांग रही है।
भाजपा विधान पार्षद गिरिश व्यास ने बताया, '' भाजपा के विधायक दल की बैठक 30 अक्टूबर को मुंबई में होगी। इसमें पार्टी के सभी विधायक, प्रदेश के पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और नेता (महाराष्ट्र भाजपा प्रभारी) सरोज पांडे भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा, '' बैठक के बाद, शाह उद्धव ठाकरे से मिलने के लिए जा सकते हैं।
ठाकरे यह स्पष्ट कर चुकी है कि उनकी पार्टी हर बार भाजपा की परेशानी नहीं समझेगी। जब 24 अक्टूबर को चुनाव परिणामों का ऐलान हुआ था तब ठाकरे ने कहा था कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले, उनके, शाह और फडणवीस के बीच 50:50 का फार्मूला तय हुआ था। भाजपा को 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 सीटें मिली हैं जबकि शिवसेना ने 56 सीटें हासिल की हैं।
सत्ता के बंटवारे को लेकर खींचतान के बीच BJP-शिवसेना में शुरू हुई ये 'जंग'
महाराष्ट्र में अगली सरकार में सत्ता बंटवारों को लेकर खींचतान कर रही भाजपा और शिवसेना ने अपना-अपना संख्या बल बढ़ाने के प्रयास के तहत रविवार को पांच विधायकों (तीन निर्दलीय एवं छोटे दलों के दो विधायकों) का समर्थन प्राप्त किया।
भाजपा को समर्थन की घोषणा करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों में गीता जैन, राजेंद्र राउत और रवि राणा शामिल हैं। ठाणे जिले की मीरा भयंदर सीट से जीतीं गीता जैन ने यहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद भाजपा को समर्थन देने का ऐलान किया। विधानसभा चुनाव में वह भाजपा से टिकट चाहती थीं और वह नहीं मिलने पर 21 अक्टूबर को हुए चुनाव में निर्दलीय खड़ी हो गई थी। जैन ने पार्टी के आधिकारिक प्रत्याशी नरेंद्र मेहता को हरा दिया था।
राउत भी भाजपा के बागी प्रत्याशी थे और उन्होंने सोलापुर जिले की बरसी सीट से शिवसेना के आधिकारिक प्रत्याशी दिलीप सोपाल को हरा दिया था। राणा ने अमरावती जिले के बडनेरा सीट पर अपने निकटवर्ती प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी प्रीति बंद (शिवसेना) को हराया। जैन और राउत ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की जबकि राणा ने चिट्ठी लिखकर यह घोषणा की।
इससे पहले, अचलपुर से विधायक बाच्चु काडु और उनके सहयोगी एवं मेलघाट से विधायक राजकुमार पटेल ने शिवसेना को समर्थन देने की पेशकश की। दोनों सीटें विदर्भ के अमरावती जिले की हैं। काडु प्रहर जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं। जैन से जब बहुजन विकास अगाड़ी प्रमुख एवं वसई से विधायक हितेंद्र ठाकुर से शनिवार को की उनकी मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह चुनाव प्रचार में सहयोग के लिए धन्यवाद देने गई थीं।
जैन को चुनाव के दौरान कांग्रेस- राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने समर्थन किया था लेकिन ठाकुर से मुलाकात के बाद उनके राजनीतिक कदम को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया। जब काडु के समर्थन के बारे में पूछा गया तो शिवसेना के नेता ने न्यूज एजेंसी से कहा कि इससे पार्टी की भाजपा के साथ तोलमोल करने की ताकत बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ''हमने 2014-19 के दौरान भाजपा के साथ समायोजन किया लेकिन अब यह समय अपनी हिस्सेदारी प्राप्त करने का है।