आंतकियों का काल बनी सेना, 33 आतंकियों और 11 पाकिस्तानी सैनिकों को किया ढेर 

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नई दिल्ली । पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर में रविवार की सुबह हुई भारतीय सेना के ऑपरेशन की बात मान ली है। पाकिस्तान ने यह भी माना है कि भारतीय सेना के हमले में एक सैनिक मौत हो हुई हैं। पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत ने जुरा, शाहकोट और नौशेरी सेक्टर में बिना उकसावे के सीजफायर का उल्लंघन किया। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसकी सेना ने 9 भारतीय सैनिकों को मार गिराया। जबकि दो भारतीय बंकरों को भी तबाह कर दिए गए हैं। पाकिस्तान ने कहा है कि दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में हमारा 1 सैनिक और 3 नागरिक मारे गए जबकि 2 सैनिक और 5 नागरिक घायल हो गए हैं। वहीं भारतीय सेना ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पीओके की नीलम घाटी स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। भारतीय सेना ने इन ठिकानों पर तोप से हमला कर आतंकियों के चार लॉन्चिंग पैड्स पूरी तरह तबाह कर दिए। भारतीय सेना की कार्रवाई में पाकिस्तान के 11 सैनिक और 33 आंतकी भी ढेर हो गए। 
भारतीय सेना ने यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे सीजफार उल्लंघन और आतंकी घुसपैठ के जवाब में की है। बता दें शनिवार रात को ही पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में दो भारतीय सैनिक शहीद हुई थे। गोलीबारी में एक नागारिक की भी मौत हो गई थी जबकि तीन घायल हो गए थे। इसके अलावा पाकिस्तान ने जम्मू कठुआ सेक्टर में भी भारी गोलीबारी की थी। पाकिस्तान की ओर से बीते 5 वर्षो में 2019 में संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस वर्ष आज की तारीख में संघर्ष विराम उल्लंघन की 2300 से ज्यादा घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। जबकि वर्ष 2018 में इसकी संख्या 1629 थी। भारतीय सेना के अनुसार, संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में बढ़ोतरी आतंकवादियों को जम्मू एवं कश्मीर में घुसपैठ कराने के उद्देश्य से हुई है। खुफिया रिपोर्ट से पता चला है कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा के पास रखा गया है, ताकि मौका मिलते ही वे भारतीय सीमा में प्रवेश कर सकें। 

सेना प्रमुख से लगातार संपर्क में रक्षा मंत्री
जम्मू-कश्मीर के तंगधार सेक्टर में पाकिस्तान की गोलीबारी के बाद भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के मद्देनजर रक्षा मंत्रालय भी अलर्ट पर है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मामले पर लगातार सेना प्रमुख बिपिन रावत से संपर्क में हैं। वहीं, पाकिस्तान ने भी स्वीकार किया है कि भारत के हमले में उसका भारी नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने फायरिंग की आड़ में आतंकियों के घुसपैठ करवाने की कोशिश तब की है जब सोमवार को रक्षा मंत्री और आर्मी चीफ लद्दाख दौरे पर जाने वाले हैं। पाकिस्तानी सैनिकों ने रविवार की सुबह आतंकवादियों को भारतीय सीमा में प्रवेश करवाने जीतोड़ जद्दोजहद की और आतंकी घुसपैठ को कवर देने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग की। इसके जवाब में भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) स्थित आतंकवादियों के लॉन्च पैड्स को ही निशाना बनाना शुरू किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कार्रवाई में पीओके में 7 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिया गया है। भारतीय सेना की गोलीबारी में 33 आतंकियों और 11 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबर है। सेना ने एक बयान में कहा, 'पाकिस्तान ने तंगधार सेक्टर में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। भारतीय सैनिकों ने प्रभावी तरीके से जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तान में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है।

रक्षामंत्री और सेना प्रमुख के लददाख के दौरे से पहले कार्रवाई 
लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण एक पुल का उद्घाटन करने के लिए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत के सोमवार को दौरे पर जाने वाले है। राजनाथ सिंह और जनरल रावत लेह में दरबुक को चीन सीमा से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास दौलत बेग ओल्डी से जोड़ने वाली नवनिर्मित सड़क पर बने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पुल का उद्घाटन करने सोमवार को पूर्वोत्तर लद्दाख का दौरा करने वाले हैं। पुल का नाम भारतीय सेना के प्रतिष्ठित सैनिक कर्नल शेवांग रिनशेन के नाम पर रखा गया है। कर्नल लद्दाख के रहने वाले थे। जम्मू-कश्मीर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने पीओके स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए भारतीय सेना की तारीफ की। उन्होंने कहा,पाकिस्तान लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है। कुपवाड़ा में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, लोग मारे जा रहे हैं। यह स्ट्राइक जरूरी थी क्योंकि यहां से आतंकी भारत में घुसने की कोशिश कर रहे थे।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने झूठ फैलाने की कोशिश कर रहा है। वह आतंकी घुसपैठ करवाकर कश्मीर में अमन-चैन का माहौल बिगाड़ना चाहता है ताकि दुनिया का ध्यान आकृष्ट किया जा सके। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान तक यह कहकर अपनी मंशा प्रकट कर चुके हैं कि जम्मू-कश्मीर में 'पाबंदियां' हटते ही खून खराबा होगा। हालांकि बेहद सीमित इलाके को छोड़कर पूरे राज्य से पाबंदियां हट चुकी हैं और इमरान के मंसूबों पर पानी फिर चुका है।