पटना हाईकोर्ट ने राज्य की नीतीश सरकार से बाढ़ से बेहाल हुए पटना में स्वच्छता कार्य करने और राज्य में तेजी से फैल रहे डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों का विवरण देने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 अक्तूबर को होगी।
मालूम हो कि सितंबर के आखिरी सप्ताह में बिहार में भारी बारिश ने भारी तबाही मचाई थी। 27 से 30 सितंबर तक हुई मूसलाधार बारिश से 15 जिलों में बाढ़ की स्थिति हो गई थी। पटना में पंप मंगवाकर कई इलाकों से पानी निकाला गया।
सरकार के प्रयासों के बावजूद बारिश के बाद पैदा हुए बाढ़ के हालात से लोग अबतक पूरी तरह नहीं उबर पाए हैं। गंदे पानी के जमाव के बीच डेंगू जैसी बीमारी फैलने लगी और लोग हताहत भी हुए।
वहीं दूसरी ओर इस हालात की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्च स्तरीय बैठक की। हालात के लिए जिम्मेदारी तय करते हुए उन्होंने इंजीनियरों और अन्य कर्मियों पर कार्रवाई के अलावा कई आईएएस अधिकारियों को भी इधर से उधर कर दिया।
डेंगू का कहर: चपेट में आए भाजपा विधायक
राज्य में अबतक 1100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, डेंगू से केवल आम जनता ही चपेट में नहीं आ रही हैं, बल्कि नेताओं को भी डेंगू ने अपनी चपेट में ले लिया है।
डेंगू की चपेट में आकर पटना के बांकीपुर के विधायक नीतिन नवीन भी बीमार पड़ गए हैं। वहीं, कुम्हरार के विधायक अरुण सिन्हा भी बीमार पड़ गए हैं। उन्हें सिर में चक्कर और कमजोरी की शिकायत हो रही है।
डेंगू की चपेट में आने के बाद बांकीपुर के भाजपा विधायक नीतिन नवीन के पास जब मीडिया उनका हाल जानने पहुंची तो, विधायक ने कहा कि 'मैं सभी लोगों से कहना चाहूंगा कि वे सावधानियां बरतें। बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए।'
दूसरी ओर बिहार सरकार के स्वास्थय सचिव संजय कुमार ने कहा है कि पिछले दो दिनों में डेंगू के मामलों में 100 की बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार, 30-40% एडीस मच्छर के लार्वा घरों के अंदर प्रजनन कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि हम पटना में लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे पानी को ठहरने न दें। अभी तक डेंगू के कारण कोई मृत्यु दर नहीं हुई है।